फेसबुक डेटा चोरी मामला: CBI ने कैंब्रिज एनालिटिका के खिलाफ शुरू की जांच
By भाषा | Published: August 8, 2018 06:31 PM2018-08-08T18:31:44+5:302018-08-08T18:31:44+5:30
रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि ऐसी भी रिपोर्ट है कि उपयोगकर्ताओं का डाटा ‘फेसबुक से संबंध रखने वाले हार्डवेयर निर्माताओं ने भी अवैध तरीके से हासिल किया।
नई दिल्ली, 8 अगस्त:सीबीआई ने फेसबुक से अवैध तरीके से भारतीयों का निजी डाटा हासिल करने के आरोप में कैंब्रिज एनालिटिका और ग्लोबल साइंस रिसर्च (जीएसआर) के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। यह आरोप है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने ग्लोबल साइंस रिसर्च से डाटा हासिल किये। जीएसआर ने फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले भारतीयों का निजी डाटा हासिल करने के लिये अवैध साधनों का इस्तेमाल किया।
केंद्र से इस संबंध में मामला आने के बाद सीबीआई ने प्रारंभिक जांच (पीई) शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच आम तौर पर इस बात का फैसला करने के लिये पहला कदम होती है कि क्या आरोपों की प्राथमिकी के जरिये गहन जांच कराए जाने की आवश्यकता है या नहीं।
डाटा माइनिंग एवं एनालिसिस कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका पर इससे पहले यह आरोप थे कि 2016 के अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीतने में मदद करने के लिये उसने 8.7 करोड़ फेसबुक खातों से जुटाई गई निजी सूचना का इस्तेमाल किया।
केंद्रीय विधि और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले महीने राज्यसभा में कहा था कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी।
CBI initiates a preliminary inquiry to look into data theft of Indians from Facebook by British firms Cambridge Analytica & Global Science Research. pic.twitter.com/mlg4WUywow
— ANI (@ANI) August 8, 2018
रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि ऐसी भी रिपोर्ट है कि उपयोगकर्ताओं का डाटा ‘फेसबुक से संबंध रखने वाले हार्डवेयर निर्माताओं ने भी अवैध तरीके से हासिल किया।’इस संबंध में फेसबुक ने कहा था कि उसे भारतीय उपयोगकर्ताओं की सूचना समेत किसी भी सूचना का दुरुपयोग किये जाने की जानकारी नहीं है।
फेसबुक के भारत में 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं। मार्क जुकरबर्ग के स्वामित्व वाली कंपनी ने कहा था कि संभवत: तकरीबन 8.7 करोड़ लोगों का डाटा अनुचित तरीके से कैंब्रिज एनालिटिका के साथ साझा हो गया हो।
डाटा में सेंध लगने का मामला प्रकाश में आने के बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मार्च और अप्रैल में फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका को पत्र लिखा था और उनसे इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा था।
प्रसाद ने कहा था, ‘‘फेसबुक ने जवाब दिया कि वे निजी डाटा के प्रबंधन के संबंध में अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं को सुचारू बनाएंगे। उन्होंने कहा कि कैंब्रिज एनालिटिका का मामला विश्वासघात का है। उन्होंने इस बात का भी वादा किया कि डाटा में इस तरह से सेंध की पुनरावृत्ति नहीं हो इस बात को सुनिश्चित करने के लिये वे विभिन्न अन्य कदम उठाएंगे।’’
हालांकि, उन्होंने कहा था कि कैंब्रिज एनालिटिका ने शुरूआती जवाब दिया कि भारतीयों के डाटा में सेंध नहीं लगी है, लेकिन यह फेसबुक ने जो कहा उसके अनुरूप नहीं है। कैंब्रिज एनालिटिका ने बाद में जारी नोटिस का जवाब भी नहीं दिया। मंत्रालय ने यह कदम तब उठाया था जब क्रिस्टोफर वाइली ने चुनावों को प्रभावित करने के लिये फेसबुक के उपयोगकर्ताओं के डाटा का इस्तेमाल किये जाने से संबंधित घोटाले का खुलासा किया था।
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