पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में छह साल में नेताओं के खिलाफ CBI ने दर्ज किए 76 मामले, 2015 में सबसे ज्यादा
By हरीश गुप्ता | Published: February 12, 2021 07:58 AM2021-02-12T07:58:30+5:302021-02-12T07:58:30+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले 6 साल के कार्यकाल में सीबीआई ने नेताओं के खिलाफ 76 मामले दर्ज किए हैं. अब इन मामलों के तेजी से निपटारे पर भी काम जारी है. राज्यसभा में इस संबंध में जानकारी दी गई है.
नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मोदी सरकार के छह साल के कार्यकाल में राजनीतिज्ञों के खिलाफ 76 मामले दर्ज किए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के पहले ही वर्ष 2015 में सबसे ज्यादा 20 मामले दर्ज किए गए थे.
2016 में यह सिलसिला जारी रहा और राजनीतिज्ञों के खिलाफ 15 मामले दर्ज किए गए. 2015 और 2017 में राजनीतिज्ञों के खिलाफ सीबीआई द्वारा दाखिल एक-एक मामला अदालत द्वारा खारिज किया जा चुका है.
राज्यसभा में गुरुवार को यह जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि सीबीआई का प्रयास इन मामलों की जांच के काम को तेजी से निपटाने का है. उल्लेखनीय है कि सीबीआई सीधे प्रधानमंत्री के तहत ही काम करती है.
सीबीआई में लंबित मामलों को निपटाने में तेजी
इस बात का जितेंद्र सिंह ने विशेष उल्लेख किया कि सीबीआई के प्रयासों के चलते लंबित मामलों की संख्या में गिरावट देखने को मिल रही है. 31 दिसंबर 2019 को जहां लंबित मामलों की संख्या 711 थी तो यह 31 दिसंबर 2020 तक घटकर 588 हो चुकी थी.
सीबीआई की जांच की जटिलता का खुलासा करते हुए कार्मिक राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि सीबीआई लोक सेवकों, फर्म, बैंकों, निजी व्यक्तियों के खिलाफ जटिल एवं बड़े मामलों की जांच करता है. कई बार जांच दूसरे देशों से जवाब में देरी या फिर पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमलेट) के चलते प्रभावित होती है. कोविड-19 महामारी ने भी जांच के कामकाज की तेजी को प्रभावित किया है.
कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सीबीआई में इस वक्त 7,273 स्वीकृत पदों में से 1, 374 पद रिक्त हैं. सबसे ज्यादा 829 रिक्तियां कार्यकारी रैंक के पदों में हैं, जहां पर 5,000 पदों में से 4,171 पद भरे हुए हैं.