मुंबई एयरपोर्ट स्कैम: सीबीआई ने GVK ग्रुप और एयरपोर्ट अथॉरिटी के खिलाफ दर्ज किया मामला, 800 करोड़ के घोटाले का आरोप

By विनीत कुमार | Published: July 2, 2020 10:57 AM2020-07-02T10:57:19+5:302020-07-02T11:01:01+5:30

सीबीआई ने जीवीके ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन जी वेंकट कृष्णा रेड्डी सहित एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कुछ अधिकारियों के खिलाफ गबन को लेकर मामला दर्ज किया है।

CBI Case against GVK Group and officials of Airports Authority on mumbai airport scam | मुंबई एयरपोर्ट स्कैम: सीबीआई ने GVK ग्रुप और एयरपोर्ट अथॉरिटी के खिलाफ दर्ज किया मामला, 800 करोड़ के घोटाले का आरोप

GVK ग्रुप के खिलाफ मामला (फोटो- एएनआई)

HighlightsGVK ग्रुप और एयरपोर्ट अथॉरिटी के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया मामला800 करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी का है आरोप, साल 2012 से 2018 के बीच हुई हेराफेरी

जीवीके ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन जी वेंकट कृष्णा रेड्डी और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के खिलाफ कथित तौर पर 805 करोड़ रुपये की अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया गया है। सीबीआई की ओर से दर्ज इस केस में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) और 9 अन्य निजी कंपनियों के अधिकारियों का भी नाम शामिल है।

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में सूत्रों के अनुसार बताया गया है कि इन सब पर साल 2012 से 2018 के बीच 'अपने लिए 805 करोड़ से अधिक का गलत लाभ उठाने और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने' का आरोप लगा है।

इस एफआईआर के मुताबिक जीवीके एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड, एयरपोर्ट अथॉरिटी इंडिया और कुछ अन्य विदेशी संस्थाओं द्वारा एक ज्वायंट वेंचर कंपनी का गठन मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड या MIAL के नाम से किया गया। इसमें जीवीके के पास इस कंपनी के 50.5 प्रतिशत शेयर हैं और 26 प्रतिशत एएआई के पास है।

इसमें जीवीके रेड्डी MIAL के अध्यक्ष हैं और जीवी संजय रेड्डी, जिनका नाम एफआईआर में भी है, वे एमआईएएल के प्रबंध निदेशक हैं। एएआई और एमआईएएल के बीच 2006 में एक अनुबंध भी हुआ जिसके अनुसार एमआईएएल मुंबई एयरपोर्ट को चलाएगा और उन्हें रेवेन्यू का 38.7 प्रतिशत सालाना शुल्क के तौर पर एएआई से साझा करना होगा। बाकी के पैसों का इस्तेमाल आधुनिकिकरण, संचालन और एयरपोर्ट के रख-रखाव में किया जाएगा।

जांच एजेंसी ने अपने एएफआई में आरोप लगाया है कि आरोपियों ने नौ अन्य निजी कंपनियों के साथ झूठे काम के अनुबंधों को करके करीब 310 करोड़ रुपये का गबन किया है।  

एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि जीवीके ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटरों ने एएआई को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने एमआईएएल के अधिशेष राशियों का उपयोग 2012 और 2018 के बीच अपनी अन्य समूह कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया। यही नहीं, एफआईआर में कहा गया है कि जीवीके ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटरों ने एमआईएएल में खर्च को बढ़ाया हुआ दिखाने के लिए 100 करोड़ से अधिक का गबन किया।

सीबीआई के एक सूत्र के अनुसार जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने एमआईएएल की आय को कम करके दिखाया है। अगर इसे भी जोड़ कर देखा जाए तो सरकारी खजाने का 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ होगा।

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Web Title: CBI Case against GVK Group and officials of Airports Authority on mumbai airport scam

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