कोड के जरिए होगी बिहार में जातियों की पहचान; ब्राह्मण, बनिया, यादव के लिए ये अंक हुए निर्धारित, कलवार जाति ने किया विरोध
By अनिल शर्मा | Published: April 4, 2023 11:09 AM2023-04-04T11:09:22+5:302023-04-04T11:56:06+5:30
बिहार में जाति जनगणना के दूसरे चरण की शुरुआत 15 अप्रैल से होने जा रही है जिसके लिए क्षेत्र प्रगणकों का प्रशिक्षण जोरों पर है।
पटनाः बिहार में जाति जनगणना के दूसरे चरण की शुरुआत 15 अप्रैल से होने जा रही है जिसके लिए क्षेत्र प्रगणकों का प्रशिक्षण जोरों पर है। दूसरे चरण में जाति जनगणना मोबाइल ऐप - बीजगा (बिहार जाति अधारित गणना) के जरिए की जाएगी जिसमें 17 कॉलम और 214 जाति के नामों की सूची है। हर जाति के लिए अगल कोड की व्यवस्था की गई है। यानी अब जातियों की पहचान उनके कोड संख्या के जरिए होगी। अब अंकों से पता चल जाएगा कि कौन किस जाति का है।
गौरतलब है कि बिहार सरकार ने पिछले साल (2022) में दो जून को जातिगत सर्वेक्षण को मंजूरी दी थी। इस सर्वेक्षण में 12.7 करोड़ जनसंख्या, 2.58 करोड़ घरों को कवर किया जाएगा जो 31 मई को पूरा होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, जाति आधारित गणना के प्रपत्र के अलावा पोर्टल और एप पर जातियों के नाम के साथ विशेष अंक (कोड) रहेगा।
214 जातियों में 203 हिंदू और मुसलमानों के बीच अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और उच्च जातियां हैं। इसके भीतर ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की जांच के लिए एक अलग कोड भी है। इसके अतिरिक्त विभिन्न जिलों से प्राप्त स्वतंत्र प्रतिवेदनों के आधार पर ड्रापडाउन बाक्स में 11 नई जातियों को जोड़ा गया है। इन जातियों में गोलवारा, बंगाली कायस्थ, दारजी, खत्री, धारामी, सुतिहार, नवेसूद, भूमिज, बहेलिया, रस्तोगी और केवानी शामिल हैं।
बनिया जाति को कोड संख्या- 124 में रखा गया है
सभी जातियों को अलग-अलग कोड दिया गया है। इसमें बनिया जाति को कोड संख्या- 124 में रखा गया है। इसमें सूड़ी, गोदक, मायरा, रोनियार, पंसारी, मोदी, कसेरा, केसरवानी, ठठेरा, कलवार, कमलापुरी वैश्य, माहुरी वैश्य, बंगी वैश्य, वैश्य पोद्दार, बर्नवाल, अग्रहरी वैश्य, कसौधन, गंधबनिक, बाथम वैश्य, गोलदार आदि शामिल हैं।
यादव जाति के लिए कोड
यादव जाति के लिए कोड संख्या 167 निर्धारित किया गया है जिसमें ग्वाला, अहीर, गोरा, घासी, मेहर, सदगोप, लक्ष्मीनारायण गोला शामिल हैं।
सवर्ण जातियों के लिए कोड
सवर्ण जातियों के लिए भी अलग कोड है। कायस्थ के लिए कोड 22 निर्धारित किया गया है तो ब्राह्मण के लिए 128। वहीं राजपूत के लिए 171 और भूमिहार के लिए 144 है। कुर्मी जाति का अंक 25 और कुशवाहा कोइरी का 27 है।
अलग कोड की मांग कर रहे कलवार जाति के लोग
कलवार जाति ने बनिया के कोड के अंतर्गत रखे जाने का विरोध किया है। उनका कहना है कि बिहार में कलवार बहुसंख्यक जाति है इसलिए उन्हें अलग कोड दिया जाए। ब्याहुत कलवार वैश्य पंचायत संघ, मुंगेर के सचिव रवि मोहन ने सदर प्रखंड मुंगेर के अंचलाधिकारी को इस बाबत एक आवेदन दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में कलवार जाति एक बहुसंख्यक जाति तो है ही, केंद्रीय सूची में भी इसे अलग जाति के रूप में रखा गया है।