जाति आधारित जनगणना के समर्थन में बिहार के 10 दलों के प्रतिनिधिमंडल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोमवार को मुलाकात के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) ने दोहराया है कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के बाद उसकी सरकार बनने पर वह अपने खर्च पर राज्य में जातीय जनगणना कराएगी। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर आशुतोष वर्मा ने 'भाषा' को बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में वहां के 10 दलों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का शुरू से ही इरादा है कि वह उत्तर प्रदेश में फिर से सत्ता में आने पर अपने खर्चे पर जाति आधारित जनगणना कराएगी। खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इसका ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि विकास योजनाओं को सही मायने में आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए जाति आधारित जनगणना बहुत जरूरी है। वर्मा ने बताया कि जाति आधारित जनगणना को लेकर सपा का नजरिया बिल्कुल साफ है। उन्होंने कहा कि सपा 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उतनी उसकी हिस्सेदारी' के मूल मंत्र पर विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा जाति आधारित जनगणना कराने को लेकर उत्साहजनक संकेत नहीं दे रही है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से ऐन पहले तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में अपने बयान में कहा था कि सरकार जाति आधारित जनगणना की तैयारी कर रही है मगर अब उसकी मंशा साफ नहीं है। गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में 10 पार्टियों के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इन सभी दलों ने जाति आधारित जनगणना की आवश्यकता पर एक स्वर में बात की और जोर देकर कहा कि विभिन्न जातियों संबंधी आंकड़े प्रभावी विकास योजनाएं बनाने में मदद करेंगे क्योंकि उनमें से कई को उनकी वास्तविक जनसंख्या के अनुरूप अब तक लाभ नहीं मिला है।
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