Cash for Questions: निशिकांत दुबे को लिखे पत्र को वापस लेने का दबाव, वकील ने महुआ मोइत्रा पर लगाया ये आरोप
By आकाश चौरसिया | Published: October 20, 2023 11:41 AM2023-10-20T11:41:37+5:302023-10-20T12:11:07+5:30
वकील अनंत देहद्राई ने कहा मोहुआ मोइत्रा की ओर से पत्र वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बता दिया कि मैं किसी भी हालत में इसे वापस नहीं ले रहा हूं।
नई दिल्ली: कैश फॉर क्वेश्चन में एक नया विवाद सामना आया है, जिसमें सांसद मोहुआ के कथित दोस्त और सुप्रीम कोर्ट में वकील अनंत देहाद्राई ने कहा कि मोहुआ की ओर से पत्र को वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। पत्र में वकील ने मोहुआ मोइत्रा के खिलाफ रिश्वत के आरोपों के संबंध में निशिकांत दुबे को पत्र और सीबीआई में शिकायत के लिए बात लिखी थी।
देहद्राई ने शुक्रवार ने 'एक्स' पर कहा, "कल दोपहर उन्हें पालतू कुत्ते 'हेनरी' के बदले निशिकांत दुबे को लिखी सीबीआई शिकायत और पत्र वापस लेने का दबाव डाला गया। लेकिन, मैंने इससे साफ इनकार कर दिया। संदेश तो काफी सीधा था, लेकिन ये बात उसके बारे में आपको सबकुछ बताती है।"
An attempt was made yesterday afternoon, to coerce me into withdrawing my cbi complaint and letter to @nishikant_dubey in exchange for Henry.
— Jai Anant Dehadrai (@jai_a_dehadrai) October 20, 2023
I flatly refused - will give details to CBI.
Messenger is totally innocent - but tells you everything about her.
पीटीआई ने तृणमूल सूत्रों के हवाले से बताया कि देहद्राई और मोइत्रा के बीच पालतू कुत्ते हेनरी को लेकर झगड़ा चल रहा है। पिछले छह महीनों में मोइत्रा ने कथित चोरी, अश्लील संदेश, दुर्व्यवहार के लिए देहद्राई के खिलाफ पुलिस में कई शिकायत दर्ज करवाई हैं।
पीटीआई रिपोर्ट की मानें तो भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बताया कि उन्हें वकील देहद्राई की ओर से एक पत्र मिला, जिसमें काफी कुछ सच सामने आया है और इसे झूठलाया नहीं जा सकता है। पत्र में ये बात भी है कि सांसद मोहुआ मोइत्रा ने बिजनेसमैन हीरानंदानी से नकद और कई उपहार भी रिश्वत के रूप में लिए थे।
इस मामले के सामने आने के बाद निशिकांत दुबे ने मोहुआ मोइत्रा पर कारोबारी से रिश्वत लेने का आरोप संसद में लगाया था और यह बात स्पीकर ओम बिरला के समक्ष रखी और साथ ही इसके लिए एक जांच कमेटी गठित करने की भी मांग रखी थी। फिर, बिरला ने एथिक्स कमेटी का गठन किया, जिससे सच का सामना बाहर निकल सके।
सुप्रीम कोर्ट वकील देहाद्राई से मिले एक पत्र का हवाला देते हुए दुबे ने कहा कि वकील ने मोइत्रा को रिश्वत दिए जाने के ऐसे सबूत साझा किए हैं, जिसे झूठा साबित ही नहीं किया जा सकता है।