कोलकाता:संसद में पैसे लेकर कथिततौर सवाल पूछने के आरोपों का सामना कर रहीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने बुधवार को आरोप लगाया कि आरोपों की जांच कर रही संसद की समिति जबरन उनकी पेशी चाहती है।
सांसद मोइत्रा ने संसदीय समिति को दो पन्नों का एक खत लिखा है, जिसमें उन्होंने समिति पर कैश-फॉर-क्वेरी मामले में समन जारी करने के आदेश को मीडिया में लीक करने का आरोप लगाया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से 'जिरह' करने की मांग की है।
महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि अडानी समूह के बारे में संसद में सवाल पूछने के बदले रिश्वत ली और साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला किया।
महुआ ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "चूंकि एथिक्स कमेटी ने मीडिया को मेरा समन जारी करना उचित समझा, इसलिए मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि मैं भी कल अपनी सुनवाई से पहले समिति को अपनी ओर से एक पत्र जारी करूं।"
इसके साथ ही मोइत्रा ने आरोप लगाया कि उन्होंने लोकसभा की आचार समिति से मामले की सुनवाई की तारीख बढ़ाने का अनुरोध किया था लेकिन बावजूद उसके उन्हें समिति के सामने पेश होने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
तृणमूल सांसद मोइत्रा ने लोकसभा की आचार समिति पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा बसपा सांसद दानिश अली पर असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल के संबंध में एक अलग मामले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद बिधूड़ी और बसपा सांसद दानिश अली के मामले में संसदीय समिति ने भाजपा सांसद के लिए 'अलग दृष्टिकोण' अपनाया था।