Cash For Query: "लोकसभा की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट मोदी-अडानी के गठजोड़ का परिणाम है", महुआ मोइत्रा ने लगाया गंभीर आरोप
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 10, 2023 05:57 PM2023-11-10T17:57:53+5:302023-11-10T18:07:11+5:30
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने 'कैश फॉर क्वेरी' के आरोपों पर लोकसभा की एथिक्स कमेटी द्वारा दी गई रिपोर्ट पर हमला करते हुए कहा कि इस रिपोर्ट के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी समूह का 'गठजोड़' है।
नई दिल्ली: तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा 'कैश फॉर क्वेरी' के आरोपों पर लोकसभा की एथिक्स कमेटी द्वारा बनाई गई रिपोर्ट को लेकर लगातार हमलावर हैं। सांसद मोइत्रा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि लोकसभा एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी समूह का 'गठजोड़' है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार महुआ मोइत्रा ने कहा कि उन्हें कमेटी ने इस कारण से सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की है क्योंकि वो लगातार अडानी समूह पर हमलावर थीं। उन्होंने दावा किया कि कमेटी ने अडानी समूह और पीएम मोदी के "कोयला घोटाला" के आरोपों को दबाने की कोशिश की है।
महुआ मोइत्रा ने कहा कि वे बहुत दहशत में हैं क्योंकि इस तरह के आरोपों से अन्य देशों में सरकारें गिर जाती हैं। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वो अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर उनसे जुड़े विवाद को इस्तेमाल करना चाहती है।
सांसद मोइत्रा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए दावा किया कि गुरुवार को पैनल द्वारा दी गई 500 पन्नों की रिपोर्ट में कहीं भी 'कैश' का कोई उल्लेख नहीं है। इसके साथ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने उन्हें निष्कासित करने की सिफारिश की क्योंकि उसके द्वारा मोदी-अडानी गठजोड़ से पूछताछ नहीं की जानी थी।
तृणमूल नेता ने कहा, "एथिक्स कमेटी के 500 पेज की रिपोर्ट में कहीं भी नकदी का कोई जिक्र नहीं है क्योंकि यह सब जानते हैं कि सवाल मूल रूप से किसके बारे में है। मोदी-अडानी गठजोड़ इस सरकार को चला रहा है और इस वजह से वो चाहते हैं कि सवाल न हों। वे दहशत में हैं। अडानी ने कोयला घोटाला किया। अगर किसी और देश में ऐसा होता तो अब तक वहां पर सरकार गिर जाती। मोदी अपने दिल में यह जानते हैं। इसलिए वे इसे यथासंभव इसे दबाये रखना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, "हम उन कुछ लोगों में से एक हैं, जो इस मुद्दे को उठा रहे हैं। पूरा विचार यह है कि आवाज उठाने वालों को चुप कराओ, कोशिश करो और उन्हें जेल में डाल दो। कुछ भी करो मगर 22 जनवरी तक सब कुछ शांत रखो, जब तक की राम मंदिर का मुद्दा न आ जाए और भाजपा फिर से बुलंदियों पर होंगी। इसलिए मेरे से जुड़ा विवाद भी उनकी योजना का हिस्सा है।''
महुआ मोइत्रा ने कहा कि संसद से निष्कासित किया जाना मेरे लिए ''सम्मान की बात'' है क्योंकि वह एक ऐसी पहली सांसद बनेंगी जिसे एथिक्स कमेटी द्वारा 'अनैतिक रूप से' निष्कासित कर देगा।
उन्होंने कहा, "यह सम्मान का प्रतीक है कि मैं ऐसी सांसद हूं। जिसे एथिक्स कमेटी द्वारा अनैतिक तौर से निष्कासित करने की सलाह दी गई है क्योंकि कमेटी के पास किसी सांसद को निष्कासित करने का पॉवर नहीं है वह केवल निलंबित कर सकती है। रिपोर्ट में शिकायतकर्ता मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं दे सका। कमेटी के अन्य सदस्यों ने मुझसे कुछ नहीं पूछा, सिर्फ चेयरमैन ने सवाल करने के लिए गंदी लाइन का इस्तेमाल किया।''
मालूम हो कि महुआ मोइत्रा 2 नवंबर को एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं थीं। हालांकि कमेटी के अध्यक्ष और भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर के कथित सवालों पर वो भड़क गईं और बैठक से बाहर चली गईं। वहीं भाजपा सांसद सोनकर ने आरोप लगाया कि महुआ मोइत्रा ने बैठक में उनके लिए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया था।