बिट्टा कराटे, हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, शब्बीर शाह और यासीन मलिक पर चलेगा यूएपीए के तहत केस, पटियाला हाउस कोर्ट ने एनआईए को दिया आदेश

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 19, 2022 04:20 PM2022-03-19T16:20:36+5:302022-03-19T16:34:19+5:30

टेरर फंडिंग के मामले में आतंकी हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक, शब्बीर शाह और बिट्टा कराटे समेत कई अन्य के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया है।

Case under UAPA against Bitta Karate, Hafiz Saeed, Syed Salahuddin, Shabir Shah and Yasin Malik, Patiala House Court orders NIA | बिट्टा कराटे, हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, शब्बीर शाह और यासीन मलिक पर चलेगा यूएपीए के तहत केस, पटियाला हाउस कोर्ट ने एनआईए को दिया आदेश

बिट्टा कराटे, हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, शब्बीर शाह और यासीन मलिक पर चलेगा यूएपीए के तहत केस, पटियाला हाउस कोर्ट ने एनआईए को दिया आदेश

Highlightsआरोप है कि इन्होंने पैसों और हथियार के बल पर कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं को बढ़ावा दियाकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी के दस्तावेजों और साक्ष्यों से प्रथमदृष्टया आरोप प्रमाणित होता हैकोर्ट में आरोप साबित होने पर दोषियों को उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है

दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग के मामले में लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद, हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के साथ जेकेएलएफ के यासीन मलिक, शब्बीर शाह और बिट्टा कराटे समेत कई अन्य के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करने का आदेश दिया है।

पटियाला हाउस कोर्ट के जज प्रवीण सिंह की अदालत ने उन आरोपियों के अलावा कश्मीर से पूर्व विधायक रहे राशिद इंजीनियर, व्यवसायी जहूर अहमद शाह वटाली, आफताब अहमद शाह, अवतार अहमद शाह, नईम खान, बशीर अहमद भट, उर्फ ​​पीर सैफुल्ला सहित कई अन्य के खिलाफ भी विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है।

इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने पैसों और हथियार के बल पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा दिया। जज प्रवीण सिंह ने कोर्ट में कहा कि कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा पेश किये गये तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर यह साबित होता है कि आरोपियों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में अलगाव और आतंक फैलाने का गंभीर अपराध किया है।

इतना ही नहीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से पेश किये गये दस्तावेज और अन्य साक्ष्यों से प्रथमदृष्टया यह भी प्रमाणित होता है कि इन्होंने पाकिस्तानी आतंकी संगठन की सरपरस्ती में आतंक फैलाने के लिए आतंकी संगठनों को धन भी मुहैया कराया है।

पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से मामले की सुनवाई करते हुए यह भी कहा गया कि आरोपपत्र पर बहस के दौरान किसी भी आरोपी ने अपनी सफाई में यह तर्क नहीं दिया कि उसका व्यक्तिगत रूप से कोई भी अलगाववादी विचारधारा या एजेंडा नहीं है या उन्होंने अलगाव के लिए काम नहीं किया है या तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य को भारत से अलग करने की पैरवी नहीं की है।

अदालत ने कहा कि गवाहों के बयानों को देखने से लगता है कि विभाजन के बाद इन आतंकी संगठनों का एक ही उद्देश्य रहा है कि जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग किया जाए।

कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि कई गवाहों ने अपने बयान में आरोपी शब्बीर शाह, यासीन मलिक, जहूर अहमद शाह वटाली, नईम खान और बिट्टा कराटे के बीच ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और जेकेएलएफ के आपसी में संबंधों का खुलासा किया है। एक अन्य गवाह के बयान से पता चलता है कि रशीद से लेकर जहूर अहमद शाह वटाली तक पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से संपर्क में रहे हैं।

कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय करते हुए कहा कि तमाम टिप्पणियां आरोपपत्र पर सुनवाई के बाद प्रथमदृष्टया हैं। इन्हें अंतिम नहीं माना जाना चाहिए। अब जबकि इन आरोपियों पर मुकदमा चलेगा तो सबूतों पर विस्तृत चर्चा एवं अभियोजन व बचाव पक्ष को विस्तार से सुने जाने के बाद आया फैसला ही अंतिम और मान्य होगा।

कोर्ट में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से आरोप लगाया है कि आतंकी फंडिंग के लिए पैसा पाकिस्तान और उसकी एजेंसियों की ओर से भेजा गया था और यहां तक ​​कि राजनयिक मिशन का इस्तेमाल गलत मंसूबों को पूरा करने के लिए किया गया था।

अदालत में जांच एजेंसी ने यह भी बताया कि घोषित अंतरराष्ट्रीय आतंकी हाफिज सईद द्वारा आतंकी फंडिंग के लिए भारत में पैसा भेजा गया था। एनआईए के अनुसार लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट, जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की सहायता से कश्मीर घाटी में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमला करके और हिंसा की घटनाओं को अंजाम देते हैं।

यूएपीए के तहत सभी आरोपियों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, गैरकानूनी रोकथाम अधिनयम की कई धाराओं सहित आपराधिक साजिश रचने आदि के आरोप लगे हैं। इन आरोपों के साबित होने की स्थिति में दोषियों को उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही अदालत दोषियों पर भारी जुर्माना भी लगा सकती है। 

Web Title: Case under UAPA against Bitta Karate, Hafiz Saeed, Syed Salahuddin, Shabir Shah and Yasin Malik, Patiala House Court orders NIA

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