क्रिप्टोकरेंसी पर कानून बनाने का प्रस्ताव लाने से सरकार को नहीं रोक सकते: सुप्रीम कोर्ट

By भाषा | Published: September 9, 2022 09:20 PM2022-09-09T21:20:55+5:302022-09-09T21:23:24+5:30

याचिका में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुझाव देने के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति बनाने के फैसले को चुनौती दी गई थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, "संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका के लिए कोई कारण नहीं है।

Can't stop government from bringing a proposal to legislate on cryptocurrencies says Supreme Court | क्रिप्टोकरेंसी पर कानून बनाने का प्रस्ताव लाने से सरकार को नहीं रोक सकते: सुप्रीम कोर्ट

क्रिप्टोकरेंसी पर कानून बनाने का प्रस्ताव लाने से सरकार को नहीं रोक सकते: सुप्रीम कोर्ट

Highlightsपीठ ने एक निजी कंपनी की तरफ से दायर याचिका को 'गलत सोच वाला' बताते हुए खारिज कर दियाकोर्ट ने कहा- न्यायालय सरकार को संसद के सामने एक विधायी प्रस्ताव लाने से नहीं रोक सकता हैन्यायालय ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सरकार की कानून लाने की तैयारी एक संवैधानिक मामला है

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह सरकार को क्रिप्टोकरेंसी के बारे में संसद में कोई कानून लाने से नहीं रोक सकता है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एक निजी कंपनी की तरफ से दायर याचिका को 'गलत सोच वाला' बताते हुए खारिज कर दिया। 

इस याचिका में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुझाव देने के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति बनाने के फैसले को चुनौती दी गई थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, "संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका के लिए कोई कारण नहीं है। न्यायालय सरकार को संसद के सामने एक विधायी प्रस्ताव लाने से नहीं रोक सकता है।" पीठ ने कहा, "यह किस तरह की अर्जी है। 

सरकार ने एक अंतर-मंत्रालयी समिति बनाई है तो आपने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत एक याचिका दायर कर दी। आप प्रस्तावित कानून को चुनौती देना चाहते हैं।" याचिकाकर्ता कंपनी की तरफ से पेश हुए वकील प्रभात कुमार ने कहा कि वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में क्रिप्टोकरेंसी को वैध मुद्रा नहीं माना था लेकिन अब सरकार इसके लिए एक कानून लाने की बात कह रही है। 

क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्रा होती है जिसमें एन्क्रिप्शन तकनीक का इस्तेमाल इसकी इकाइयों के सृजन के लिए किया जाता है। यह केंद्रीय बैंक की निगरानी से परे फंड का अंतरण करता है। न्यायालय ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सरकार की कानून लाने की तैयारी एक संवैधानिक मामला है और इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी परिपत्र बाध्यकारी नहीं है। 

Web Title: Can't stop government from bringing a proposal to legislate on cryptocurrencies says Supreme Court

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