कोरोना वायरस के मद्देनजर (22 मार्च) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'जनता कर्फ्यू' बुलाया, जिसके चलते पूरे देश की सड़कों, बाजारों, बस स्टैंडों पर सन्नाटा पसरा दिखाई दे रहा है। हर कोई अपने घर में मौजूद है और जरूरी कार्य की वजह से ही बाहर निकल रहा है। इस बीच कैबिनेट सचिव ने कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर समीक्षा है, जिसके बाद 75 जिलों में 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन करने के निर्देश दिए गए हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, कैबिनेट सचिव ने आज राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ COVID-19की स्थिति को लेकर समीक्षा बैठक की है। इस बैठक में फैसला लिया है कि जिन 75 जिलों में कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं वहां 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन किया जाएगा। इस दौरान सिर्फ जरूरी सेवाओं की अनुमति जी जाएगी। 31 मार्च तक के लिए अंतर-राज्य बस सेवाएं भी निलंबित की गई हैं।
बता दें, गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को देश के नाम संबोधन में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में 'संयम और संकल्प' का आह्वान करते हुए देशवासियों से रविवार को 'जनता कर्फ्यू' का पालन करने को कहा था। उन्होंने टीवी पर प्रसारित करीब 30 मिनट के संबोधन में कोरोना वायरस के खतरे पर जोर देते हुए लोगों से घरों के भीतर रहने और जितना संभव हो सके उतना घर से काम करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि दुनिया ने इतना गंभीर संकट पहले कभी नहीं देखा।
दिल्ली पुलिस ने 'जनता कर्फ्यू' को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए टि्वटर का भी सहारा लिया और लोगों से घरों में रहने की अपील की। अधिकारियों ने बताया कि हालांकि जो लोग सड़कों पर निकल रहे हैं, उन्हें गुलाब देकर घरों में रहने की अपील की जा रही है। पुलिस उपायुक्त (नयी दिल्ली) ईश सिंघल ने ट्वीट किया, 'हम सुरक्षा के मार्ग पर चल रहे हैं कृपया घर पर रहिए। पुलिसकर्मी वाहन चला रहे लोगों को फूल देकर उनसे घरों में रहने का अनुरोध कर रहे है। कृपया हमारा सहयोग कीजिए।'