तुरंत तीन तलाक पर फिर अध्यादेश को मंजूरी, 22 जनवरी को समाप्त होने वाली थी अवधि

By भाषा | Published: January 11, 2019 04:50 AM2019-01-11T04:50:24+5:302019-01-11T04:50:24+5:30

मुस्लिमों में तीन तलाक की परंपरा को दंडनीय अपराध घोषित करने वाला नया विधेयक 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था। नये विधेयक का उद्देश्य सितंबर में लागू अध्यादेश की जगह लेना था।

Cabinet Approves re promulgation of triple talaq ordinance | तुरंत तीन तलाक पर फिर अध्यादेश को मंजूरी, 22 जनवरी को समाप्त होने वाली थी अवधि

तुरंत तीन तलाक पर फिर अध्यादेश को मंजूरी, 22 जनवरी को समाप्त होने वाली थी अवधि

केंद्रीय कैबिनेट ने एक बार में तीन तलाक को अपराध घोषित किए जाने से संबंधित अध्यादेश को फिर से जारी करने के प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को मंजूरी प्रदान कर दी। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

इससे पहले जारी अध्यादेश की अवधि 22 जनवरी को समाप्त हो रही है। पहला अध्यादेश पिछले साल सितंबर में जारी किया गया था। पहले अध्यादेश को कानून का रूप प्रदान करने के लिए एक विधेयक राज्यसभा में लंबित है जहां विपक्ष इसे पारित किए जाने का विरोध कर रहा है।

मुस्लिमों में तीन तलाक की परंपरा को दंडनीय अपराध घोषित करने वाला नया विधेयक 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था। नये विधेयक का उद्देश्य सितंबर में लागू अध्यादेश की जगह लेना था।

लोकसभा ने इस विधेयक को अपनी मंजूरी दी थी। लेकिन विधेयक को राज्यसभा में कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। विधेयक फिलहाल ऊपरी सदन में लंबित है।

प्रस्तावित कानून के तहत, एक बार में तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) गैरकानूनी और शून्य होगा और ऐसा करने पर पति को तीन साल की सजा होगी।

Web Title: Cabinet Approves re promulgation of triple talaq ordinance

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