CAA Protest: तख्तियों पर लिखा था, ‘भारत में पैदा हुए, भारत में रहेंगे, भारत में मरेंगे’, कविताएं पढ़ीं, गाने गाए और नाटक किए
By भाषा | Updated: January 1, 2020 20:20 IST2020-01-01T20:20:29+5:302020-01-01T20:20:29+5:30
लोग सफदर हाशमी मेमोरियल ट्रस्ट (सहमत) के तत्वाधान में यहां कॉस्टि्यूशन क्लब में इकट्ठा हुए थे। सफदर हाशमी के भाई सुहैल हाशमी ने कहा कि एक जनवरी 1989 को साहिबाबाद में एक मंडली की ओर से पेश किए जा रहे थिएटर प्रस्तुति के दौरान सफरदर हाशमी पर हमला किया गया था।

नए साल के पहले दिन हजारों मुस्लिमों ने यहां संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन किया।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए कई कार्यकर्ताओं और कलाकारों ने बुधवार को कविताएं पढ़ीं, गाने गाए और नाटक प्रस्तुत किए।
ये लोग सफदर हाशमी मेमोरियल ट्रस्ट (सहमत) के तत्वाधान में यहां कॉस्टि्यूशन क्लब में इकट्ठा हुए थे। सफदर हाशमी के भाई सुहैल हाशमी ने कहा कि एक जनवरी 1989 को साहिबाबाद में एक मंडली की ओर से पेश किए जा रहे थिएटर प्रस्तुति के दौरान सफरदर हाशमी पर हमला किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम लोकतांत्रिक और समावेशी धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को रेखांकित करने के लिए हर साल यह दिन मनाते हैं जिसके तहत, कविता पढ़ते हैं, गाने गाते हैं, थिएटर करते हैं। इसके लिए फरवरी 1989 में सहमत की स्थापना हुई थी।’’
सुहैल हाशमी ने आरोप लगाया कि सीएए को लोगों पर थोपा जा रहा है, कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के बाद वहां की स्थिति, आदिवासियों के हालात, लोगों को प्रदर्शन नहीं करने दिया जा रहा है। ये हमारे लोकतांत्रिक मूल्य के लिए खतरा है।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मकसद सीएए और सरकार के ‘संविधान विरोधी फैसलों’ का ‘बहादुरी से विरोध’ कर रहे लोगों को ‘रचनात्मक समर्थन’ देना है। इस कार्यक्रम में थिएटर और फिल्म शख्सियत एम के रैना, पूर्व नौकरशाह हर्ष मंदर, अर्थशास्त्री प्रभात पटनायक और ज्योति घोष समेत अन्य ने हिस्सा लिया।
सीएए के खिलाफ कोच्चि में हजारों मुस्लिमों ने रैली निकाली
नए साल के पहले दिन हजारों मुस्लिमों ने यहां संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन किया और मोदी सरकार से इस विवादास्पद कानून को वापस लेने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज और तख्तियां ले रखी थीं।
तख्तियों पर लिखा था, ‘‘भारत में पैदा हुए, भारत में रहेंगे, भारत में मरेंगे।’’ प्रदर्शनकारियों ने महात्मा गांधी, बी आर आंबेडकर और मौलाना अब्दुल कलाम आजाद की तस्वीरें भी ले रखी थीं। जवाहरलाल नेहरू इंटरनेशनल स्टेडियम से शुरू हुयी विशाल रैली में भाग लेने वाले लोगों ने सीएए लागू करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ नारेबाजी की।
इसका आयोजन मुस्लिम लीग, जमात-ए-इस्लाम, जमीयतुल उलमा समेत विभिन्न मुस्लिम संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। रैली का समापन स्टेडियम से पांच किलोमीटर दूर मैरीन ड्राइव में हुआ।