CAA: बहस के लिये शाह की चुनौती पर विपक्षी दलों की तीखी प्रतिक्रिया, अखिलेश ने कहा- डंके की चोट पर तैयार हैं
By भाषा | Published: January 22, 2020 11:03 PM2020-01-22T23:03:27+5:302020-01-22T23:03:27+5:30
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी मंच पर व कही भी बहस की चुनौती स्वीकार करने को तैयार है। वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वह ‘डंके की चोट पर बहस की चुनौती’ देने वाले से बहस के लिए तैयार हैं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सीएए पर कांग्रेस, सपा और बसपा के नेताओं को बहस की चुनौती दिये जाने के एक दिन बाद तीनों दलो के नेताओं ने अलग-अलग तीखी प्रतिक्रिया दी है। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी मंच पर व कही भी बहस की चुनौती स्वीकार करने को तैयार है। वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वह ‘डंके की चोट पर बहस की चुनौती’ देने वाले से बहस के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, “जगह और मंच का चुनाव उनकी पसंद का हो। बहस विकास पर होगी, जब और जहां चाहें बहस कर लें। भाजपा विकास पर बहस से भागती है। वह नोटबंदी, मंदी, अर्थव्यवस्था पर बहस नहीं करती है।”
दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि गृहमंत्री उत्तर प्रदेश में उन्हें चुनौती दे रहे हैं, जो उनके खिलाफ लड़ने के लिए घर से बाहर नहीं निकले।
प्रियंका ने बुधवार को ट्वीट किया, “अजीब दास्तां है ये... कहां शुरू कहां खतम... गृहमंत्री जी उप्र में उन्हें चुनौती दे रहे हैं, जो उनके खिलाफ लड़ने के लिए घर से बाहर तक नहीं निकले।” उन्होंने सपा-बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ये दल शाह को चुनौती देने की जगह दूसरी समस्याओं पर बात कर रहे हैं और उप्र की जागरुक जनता सब समझती है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष को सीएए पर बहस की चुनौती दी थी, जिसके एक दिन बाद मायावती ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी किसी भी मंच पर व कही भी चुनौती स्वीकार करने को तैयार है। मायावती ने ट्वीट किया, “अति विवादित सीएए, एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ पूरे देश में खासकर युवा व महिलाओं के संगठित होकर संघर्ष व आन्दोलित हो जाने से परेशान केन्द्र सरकार द्वारा लखनऊ की रैली में विपक्ष को इस मुद्दे पर बहस करने की चुनौती को बसपा किसी भी मंच पर व कहीं भी स्वीकार करने को तैयार है।”
अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा, “भाजपा नेता ठोक देंगे, जबान खींच लेंगे, बदला लेंगे, डंके की चोट पर जैसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं... मर्यादा का उल्लंघन करने वाली भाषा राजनीति की भाषा नहीं हो सकती है।”
यादव ने कहा, “बहुमत से जनता की आवाज नहीं दबाई जा सकती है। डंके की चोट पर बहस की चुनौती देने वाले को जवाब है कि वह बहस के लिए तैयार हैं। जगह और मंच का चुनाव उनकी पसंद का हो। बहस विकास पर होगी, जब और जहां चाहें बहस कर लें।”
उन्होंने आरोप लगाया, “भाजपा विकास पर बहस से भागती है। वह नोटबंदी, मंदी, अर्थव्यवस्था पर बहस नहीं करती है।” उन्होंने कहा, “सीएए का विरोध केवल समाजवादी पार्टी नहीं कर रही है। भारत की आम जनता विरोध में है। इसमें नौजवान, महिलाएं सभी बढ़चढ़ कर भाग ले रहे हैं। ये स्वयं बैठे है। भाजपाई तो पैसे से रैली में भीड़ लाते हैं।”
यादव ने कहा कि जिन्होंने हमें आजादी दिलाई, सुन्दर संविधान दिया उन्होंने कभी भाषा, धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं किया। लखनऊ में मंगलवार को सीएए के समर्थन में एक रैली को संबोधित करते हुये अमित शाह ने राहुल, अखिलेश, ममता और मायावती को सीएए पर बहस करने के लिये चुनौती दी थी।