Bypoll Results 2025: 5 सीट पर उपचुनाव और कांग्रेस के लिए बुरी खबर?, पंजाब, गुजरात और पश्चिम बंगाल में हार, केवल केरल में एक सीट
By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 23, 2025 17:36 IST2025-06-23T17:35:26+5:302025-06-23T17:36:41+5:30
Bypoll Results 2025: गुजरात में कांग्रेस को दोनों सीट पर सूपड़ा साफ हो गया और बंगाल में कांग्रेस गठबंधन को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।

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नई दिल्लीः देशभर में 4 राज्य के 5 विधानसभा सीट पर उपचुनाव खत्म हो गया। पंजाब, पश्चिम बंगाल, गुजरात और केरल विधानसभा की पांच सीट पर उपचुनाव हुए थे। आम आदमी पार्टी (आप) ने गुजरात के विसावदर और पंजाब के लुधियाना पश्चिम पर कब्जा किया। भाजपा ने कडी सीट जीती। कांग्रेस ने केरल के नीलांबुर सीट और टीएमसी ने पश्चिम बंगाल के कालीगंज सीट पर जीत दर्ज की। उपचुनाव में कांग्रेस गठबंधन को झटका लगा है। पंजाब में हार का सामना करना पड़ा। गुजरात में कांग्रेस को दोनों सीट पर सूपड़ा साफ हो गया और बंगाल में कांग्रेस गठबंधन को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।
गुजरात उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने दिया इस्तीफा
गुजरात विधानसभा की कडी और विसावदर सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने सोमवार को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता गोपाल इटालिया ने विसावदर सीट पर जीत दर्ज की, जबकि कडी सीट सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के खाते में गई।
जहां से उसके उम्मीदवार राजेंद्र चावड़ा विजयी घोषित किये गए। गोहिल ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘चूंकि उपचुनाव के नतीजे हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे, इसलिए मैंने अपनी पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गुजरात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। मैंने अपना इस्तीफा पहले ही हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेज दिया है।’’
राज्यसभा सदस्य गोहिल को 2024 के आम चुनावों से पहले जून 2023 में कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। आप की गुजरात इकाई के अध्यक्ष इटालिया ने जूनागढ़ जिले की विसावदर सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार किरीट पटेल को 17,554 मतों के अंतर से हराया।
निर्वाचन आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, कुल 21 चरण की मतगणना के बाद इटालिया को 75,942 मत मिले, जबकि पटेल को 58,388 मतों से संतोष करना पड़ा। अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित मेहसाणा जिले की कडी सीट पर भाजपा के राजेंद्र चावड़ा सभी 22 चरण की मतगणना के बाद कांग्रेस के रमेश चावड़ा से 39,452 मतों के अंतर से विजयी हुए। राजेंद्र चावड़ा को 99,742 मत, जबकि कांग्रेस के पूर्व विधायक रमेश चावड़ा को 60,290 मत मिले।
पंजाब उपचुनाव : ‘आप’ ने लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट पर कब्जा बरकरार रखा
पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। ‘आप’ उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने इस सीट पर हुए उपचुनाव में अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी एवं कांग्रेस प्रत्याशी भारत भूषण आशु को सोमवार को 10,637 मतों के अंतर से हराया। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, अरोड़ा को 35,179 वोट मिले जबकि आशु को 24,542 वोट मिले।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जीवन गुप्ता को 20,323 वोट मिले जबकि शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी परोपकार सिंह घुम्मण को 8,203 वोट मिले। ‘आप’ के विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के जनवरी में निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी और यहां चुनाव आवश्यक हो गया था।
इस विधानसभा सीट पर 19 जून को हुए उपचुनाव में डाले गए मतों की गिनती यहां खालसा कॉलेज फॉर वुमेन में स्थापित एक केंद्र में सुबह आठ बजे शुरू हुई। ‘आप’ की जीत के बाद लुधियाना में अरोड़ा के आवास और पार्टी कार्यालय में जश्न शुरू हो गया।
केरल: सत्तारूढ़ एलडीएफ नीलांबुर विधानसभा उपचुनाव कांग्रेस नीत यूडीएफ के हाथों हारा
कांग्रेस नीत विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने कड़े मुकाबले वाले उपचुनाव में सोमवार को नीलांबुर विधानसभा क्षेत्र को सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के हाथों से 11,077 मतों के अंतर से छीन लिया। इसे अगले साल केरल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ एलडीएफ के लिए करारा झटका माना जाना जा रहा है।
कांग्रेस के आर्यदान शौकत ने नीलांबुर निर्वाचन क्षेत्र में माकपा के प्रदेश सचिवालय सदस्य एम स्वराज को एक बड़े अंतर से हराया। यह जीत सप्ताह भर चले जोशीले प्रचार अभियान और प्रतिद्वंद्वियों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद मिली। यह मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाले एलडीएफ के लिए पिनराई विजयन सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान चौथा उपचुनाव झटका है।
एलडीएफ इससे पहले पुथुपल्ली, पलक्कड़ और थ्रिक्काकारा विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हार चुका है। सत्तारूढ़ माकपा ने कहा कि वह जनादेश को स्वीकार करती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि पहली बार एलडीएफ ने अपनी मौजूदा सीट अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के हाथों गंवायी है।
नीलांबुर सीट एलडीएफ समर्थित निर्दलीय और दो बार के विधायक पी वी अनवर के इस्तीफा देने के बाद खाली हो गई थी, जिससे इस विधानसभा क्षेत्र में गरमागरम राजनीतिक मुकाबला शुरू हो गया था। इस उपचुनाव ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया क्योंकि इसे पिनराई विजयन सरकार के लिए सेमीफाइनल के रूप में देखा गया।
यह सरकार के कार्यकाल का चौथा वर्ष है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ के लिए यहां की जीत अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मनोबल बढ़ाने वाली होगी। नीलांबुर विधानसभा क्षेत्र में 19 जून को हुए उपचुनाव में डाले गये कुल 1,75,989 वोट में से दिवंगत कांग्रेसी नेता आर्यदान मोहम्मद के बेटे शौकत को 77,737 वोट मिले हैं।
निर्वाचन आयोग ने यह जानकारी दी। उसके अनुसार, शौकत को कुल डाले गए वोटों का 44.17 प्रतिशत हिस्सा मिला। निर्वाचन आयोग ने बताया कि स्वराज को 66,660 वोटों से संतोष करना पड़ा, जो कुल मतों का 37.88 प्रतिशत था। यूडीएफ और एलडीएफ दोनों को आश्चर्यचकित करते हुए, निर्दलीय उम्मीदवार अनवर ने उपचुनाव में बढ़िया प्रदर्शन किया।
अनवर को 19,760 वोट (11.23 प्रतिशत) मिले। वह अब तृणमूल कांग्रेस के राज्य संयोजक हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के उम्मीदवार मोहन जॉर्ज 8,648 वोट (4.91 प्रतिशत) के साथ काफी पीछे रहे, जिससे अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन क्षेत्र में इस दल की पैठ बनाने की उम्मीदों को झटका लगा है।
शौकत ने कहा, ‘‘ यह नीलांबुर के लोगों की जीत है... केरल के सभी लोगों की जीत है। एलडीएफ शासन के प्रति लोगों की अवमानना और विरोध वोटों में बदल गया है।’’ शौकत को स्वराज ने बधाई दी। हालांकि स्वराज ने सत्ताविरोधी लहर से इनकार किया। विधानसभा में विपक्ष के नेता (कांग्रेस) वी डी सतीशन ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘ .. यह यूडीएफ है - एक संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा जो एक पार्टी की तरह काम करता है। 2026 में यूडीएफ तूफान की तरह (सत्ता में) वापस आएगा।’’
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने शौकत की जीत को ‘‘मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के कुशासन के खिलाफ जनता का फैसला’’ करार दिया। चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए माकपा के प्रदेश सचिव एम वी गोविंदन ने कहा कि मार्क्सवादी पार्टी नीलांबुर में जनता के फैसले को स्वीकार करती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी चुनावी हार की समीक्षा करेंगे और अपनी गलतियों को सुधार कर आगे बढ़ेंगे। ’
विधानसभा उपचुनाव : पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट पर तृणमूल कांग्रेस को मिली जीत
पश्चिम बंगाल के नादिया जिले स्थित कालीगंज विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार अलीफा अहमद ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार आशीष घोष को 50,049 मतों के अंतर से हराया है। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर सोमवार को मतगणना के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
अलीफा अहमद ने अपने पिता नसीरुद्दीन अहमद के 2021 के जीत के अंतर को बेहतर किया, जिनके इस साल फरवरी में निधन के कारण यह सीट खाली हुई थी। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक, अंतिम चरण की मतगणना के बाद अलीफा को 1,02,759 वोट मिले, जबकि घोष को 52,710 वोट मिले।
वाम दलों द्वारा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार काबिल उद्दीन शेख 28,348 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। अलीफा अहमद को 2021 में पिता को मिले कुल 1,11,696 मतों से लगभग 9,000 कम मिले, लेकिन उनकी जीत का अंतर चार साल पहले नसीरुद्दीन के 46,987 वोटों के अंतर से अधिक है।
मतगणना केंद्र के बाहर अलीफा ने अपनी जीत का श्रेय ‘‘लोगों के प्यार’’ को दिया और ‘‘ममता बनर्जी की विकास की राजनीति में विश्वास जताने’’ के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। अलीफा ने भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के दावे के जवाब में कहा, ‘‘मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि हिंदुओं ने हमें वोट नहीं दिया है।
हमें अपने निर्वाचन क्षेत्र के कुछ हिंदू बहुल इलाकों से महत्वपूर्ण बढ़त मिली है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने किसी विशेष समुदाय के मतों को लक्षित नहीं किया। हमने सभी मतदाताओं से संपर्क किया और परिणाम दर्शाते हैं कि उनका स्पष्ट जनादेश बंगाल में किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक विभाजन को बर्दाश्त नहीं करने का है।’’