Bulldozer 'justice' Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने 'बुलडोजर' कार्रवाई पर पूरे देश के लिए जारी किया दिशानिर्देश, जानें यहां

By अंजली चौहान | Published: November 13, 2024 12:33 PM2024-11-13T12:33:12+5:302024-11-13T12:36:04+5:30

Bulldozer 'justice' Hearing:सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि संपत्ति के मालिक को 15 दिन का पूर्व नोटिस दिए बिना कोई भी तोड़फोड़ नहीं की जानी चाहिए।

Bulldozer justice Hearing Supreme Court issues guidelines for entire country on bulldozer action know here | Bulldozer 'justice' Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने 'बुलडोजर' कार्रवाई पर पूरे देश के लिए जारी किया दिशानिर्देश, जानें यहां

Bulldozer 'justice' Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने 'बुलडोजर' कार्रवाई पर पूरे देश के लिए जारी किया दिशानिर्देश, जानें यहां

Bulldozer 'justice' Hearing: देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने हाल में चलन में आए ‘बुलडोजर न्याय’ पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संपत्तियों को ध्वस्त करने के संबंध में बुधवार को अखिल भारतीय स्तर पर दिशानिर्देश जारी किये और कहा कि कार्यपालक अधिकारी न्यायाधीश नहीं बन सकते, आरोपी को दोषी करार नहीं दे सकते और उसका घर नहीं गिरा सकते। 

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि लोगों के घर सिर्फ इसलिए ध्वस्त कर दिए जाएं कि वे आरोपी या दोषी हैं, तो यह पूरी तरह असंवैधानिक होगा। 

न्यायमूर्ति गवई ने फैसला सुनाते हुए कहा कि महिलाएं और बच्चे रातभर सकड़ों पर रहें, यह अच्छी बात नहीं है। पीठ ने निर्देश दिया कि कारण बताओ नोटिस दिए बिना कोई तोड़फोड़ नहीं की जाए और नोटिस जारी किए जाने के 15 दिनों के भीतर भी कोई तोड़फोड़ नहीं की जाए। पीठ ने निर्देश दिया कि ढहाने की कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराई जाए ।

 पीठ ने यह स्पष्ट किया कि यदि सार्वजनिक भूमि पर अनधिकृत निर्माण हो या अदालत द्वारा विध्वंस का आदेश दिया गया हो तो वहां उसके निर्देश लागू नहीं होंगे। इसने कहा कि संविधान और आपराधिक कानून के आलोक में अभियुक्तों और दोषियों को कुछ अधिकार और सुरक्षा उपाय प्राप्त हैं। 

उच्चतम न्यायालय ने देश में संपत्तियों को ढहाने के लिए दिशा-निर्देश तय करने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर यह व्यवस्था दी। 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को निर्देश दिया कि संपत्ति के मालिक को 15 दिन पहले नोटिस दिए बिना और वैधानिक दिशा-निर्देशों का पालन किए बिना कोई भी तोड़फोड़ नहीं की जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोटिस मालिक को पंजीकृत डाक से भेजा जाएगा और संरचना के बाहरी हिस्से पर चिपकाया जाएगा। नोटिस में अनधिकृत निर्माण की प्रकृति, विशिष्ट उल्लंघन का विवरण और तोड़फोड़ के लिए आधार शामिल होना चाहिए। तोड़फोड़ की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन अवमानना ​​को आमंत्रित करेगा।

Web Title: Bulldozer justice Hearing Supreme Court issues guidelines for entire country on bulldozer action know here

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