नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को साल 2022-23 के लिए आम बजट पेश करते हुए किसानों और खेती को लेकर कुछ अहम ऐलान किए। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार रसायनमुक्त प्राकृतिक खेती पर जोर देना चाहती है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इस दिशा में काम किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान की खरीद के लिए करीब 2.37 लाख करोड़ रुपये भुगतान करेगी।
निर्मला सीतारमण ने बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष (2021-22) में रबी सीजन की गेंहू और खरीफ सीजन में धान की खरीद कुल मिलाकर 1208 लाख मेट्रिक टन किए जाने की संभावना है। ये खरीब 163 लाख किसानों से की जाएगी। ऐसे में एमएसपी के तौर पर 2.37 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के खाते में जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि साल 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित करने का फैसला लिया गया है।
गंगा कॉरिडोर के आसपास नेचुरल फॉर्मिंग पर फोकस
निर्मला सीतारमण ने कहा कि गंगा से लगे कॉरिडोर के आसपास 5 किलोमीटर तक खेती की जमीन पर नेचुरल फॉर्मिंग पर सरकार जोर देगी। उन्होंने कहा कि किसानों को डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही सिंचाई और पेयजल सुविधा बढ़ाने पर सरकार का ध्यान है।
कृषि विश्वविद्यालय के सिलेबस को रिवाइज करेंगे
निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्यों सरकारों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे कृषि विश्वविदयालयों के सिलेबस में बदलाव करें। इसमें प्राकृतिक खेती, जीरो बजट और ऑर्गेनिक फार्मिंग की जरूरतों को शामिल किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में फसल आकलन, भूमि रिकॉर्ड, कीटनाशकों के छिड़काव के लिये किसान ड्रोन से कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी में तेजी आने की उम्मीद है।
रेलवे छोटे किसानों, एमएसाएमई के लिए नये उत्पाद विकसित करेगा
निर्मला सीतारमण ने कहा कि रेलवे छोटे किसानों, एमएसाएमई के लिए नये उत्पाद विकसित करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारों के प्रयासों के कारण रोजगार एवं उद्यम अवसरों में वृद्धि हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गो का 2022-23 में 25,000 किमी विस्तार किया जाएगा और सड़क परिवहन मास्टर प्लान के लिए 2022-23 में ‘‘पीएम गति शक्ति’’ को अंतिम रूप दिया जाएगा।