बजट 2019: राष्ट्रपति के अभिभाषण से आज शुरू होगा बजट सत्र, सरकार और विपक्ष होंगे आमने सामने
By स्वाति सिंह | Published: January 31, 2019 08:52 AM2019-01-31T08:52:30+5:302019-01-31T10:28:51+5:30
वित्त मंत्री पीयूष गोयल शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश करेंगे और ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सरकार इसमें समाज के विभिन्न वर्गो के कल्याण से जुड़ी अनेक उपायों की घोषणा कर सकती है।
नरेंद्र मोदी सरकार शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश करेगी। इससे पहले गुरुवार को इसकी शुरूआत बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के संबोधन के साथ होगी।
राष्ट्रपति कोविंद सुबह 11 बजे अभिभाषण देंगे। इस बार संसद सत्र शुरू से ही हंगामेदार रहने की उम्मीद है, जहां एक ओर सरकार लोकलुभावन घोषणाएं कर सकती है तो दूसरी ओर विपक्ष राफेल विमान सौदे, किसानों से जुड़े विषयों समेत अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर सरकार को घेरेगी ।
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा और यह वर्तमान सरकार के तहत संसद का अंतिम सत्र होगा ।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश करेंगे और ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सरकार इसमें समाज के विभिन्न वर्गो के कल्याण से जुड़ी अनेक उपायों की घोषणा कर सकती है। यह अंतरिम बजट ऐसे समय में पेश किया जायेगा जब भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन अप्रैल..मई में संभावित चुनाव के लिये तैयारी कर रही है।
सत्र के दौरान सरकार नागरिकता विधेयक, तीन तलाक विधेयक जैसे विवादास्पद विधेयक को पारित कराने का प्रयास करेगी जिसे कई दलों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है। नागरिकता विधेयक पर जदयू जैसे भाजपा के सहयोगी दल एतराज जता चुके हैं । सरकार के एजेंडे में जन प्रतिनिधित्व संशोधन अधिनियम 2017 है जिसमें प्राक्सी के जरिये एनआरआई को मतदान करने की सुविधा प्रदान की बात कही गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय मेडिकल काउंसिल विधेयक भी एजेंडे में है।
इनमें से कुछ महत्वपूर्ण विधेयक राज्यसभा में अटके हुए हैं । नागरिक संशोधन विधेयक राज्यसभा में लंबित है जहां विपक्ष इसमें देशों के नाम से बांग्लादेश का नाम हटाने की मांग कर रहा है जिसके शरणार्थी नागरिकता के लिये आवेदन करने के पात्र बन जायेंगे । शीतकालीन सत्र में यह विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है। राज्यसभा में इसे प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग हो रही है।
सत्र के दौरान सरकार की ओर से अयोध्या में गैर विवादित 67 एकड़ जमीन को उसके मूल मालिकों को लौटाने के संबंध में उच्चतम न्यायालय में पेश अर्जी का मुद्दा भी उठ सकता है । भाजपा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की पक्षधर है।
विपक्ष की ओर से सरकार के लोकलुभाव घोषणाओं का विरोध किये जाने की भी उम्मीद है।
(भाषा इनपुट के साथ)