हरियाणा में बसपा ने इस पार्टी से तोड़ा चुनावी गठबंधन, अकेले लड़ेगी विधानसभा का चुनाव
By बलवंत तक्षक | Published: June 5, 2019 04:02 PM2019-06-05T16:02:18+5:302019-06-05T16:02:18+5:30
राज्य की 90 सीटों में बसपा को 35 और लोसुपा को 55 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने थे. लेकिन यह समझौता चुनावों से पहले ही टूट गया. समझौता टूटने की वजह लोकसभा चुनावों में दोनों ही पार्टियों का खराब प्रदर्शन रहा है.
हरियाणा में पूर्व सांसद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (लोसुपा) से चुनावी समझौता तोड़ लिया है. समझौते के मुताबिक चार महीने बाद अक्तूबर में हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव दोनों पार्टियों को मिल कर लड़ने थे.
इनमें राज्य की 90 सीटों में बसपा को 35 और लोसुपा को 55 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने थे. लेकिन यह समझौता चुनावों से पहले ही टूट गया. समझौता टूटने की वजह लोकसभा चुनावों में दोनों ही पार्टियों का खराब प्रदर्शन रहा है.
बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर हरियाणा की दस लोकसभा सीटों में से बसपा ने आठ और लोसुपा ने दो सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, लेकिन इनमें से कोई भी नहीं जीत पाया. बसपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी डॉ. मेघराज ने लोसुपा से चुनावी गठबंधन तोड़ने की जानकारी देते हुए कहा कि लोसुपा प्रमुख राजकुमार सैनी गठबंधन उम्मीदवारों के बजाये भाजपा की मदद कर रहे थे.
इस भितरघात के कारण ही पार्टी ने समझौता खत्म करने का फैसला किया है. अब बसपा अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी. लोसुपा सुप्रीमो राजकुमार सैनी पिछले लोकसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर कुरु क्षेत्र से चुने गए थे.
थोड़े समय बाद ही उन्होंने भाजपा के प्रति विरोध का रुख अख्तियार कर लिया. अपनी अलग पार्टी गठित की और बसपा से चुनावी समझौता कर लिया. इस बार उन्होंने खुद चुनाव नहीं लड़ा था. समझौते के तहत विधानसभा चुनावों में उन्हें गठबंधन की तरफ से भावी मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश किया जाने वाला था. तब ऐसी चर्चाएं थीं कि सैनी की अंदरखाते भाजपा से मिलीभगत है.
अब बसपा ने भी यही आरोप लगाए हैं. वर्जन अभी इस बारे में कुछ पता नहीं है. बसपा की हरियाणा इकाई को कोई दिक्कत हुई होगी, लेकिन फिर भी इस बारे में एक बार पार्टी सुप्रीमो मायावती से बात करेंगे. अगर समझौता टूटता है तो लोसुपा हरियाणा की सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी.