नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। ममता ने राज्य में बीएसएफ के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र का मुद्दा उठाया और इसे वापस लेने की मांग की। बैठक के दौरान ममता ने अप्रैल में एक बिजनेस समिट के लिए पीएम मोदी को मुख्य अतिथि के तौर पर भी आमंत्रित किया।
ममता ने पीएम से कहा, "बीएसएफ को अधिक अधिकार देने से राज्य पुलिस के साथ कानून-व्यवस्था में टकराव होता है। हम बीएसएफ के खिलाफ नहीं हैं। बिना किसी कारण के संघीय ढांचे को बिगाड़ना सही नहीं है।" बैठक में ममता ने केंद्र सरकार से ऐसी नीति मांगी, जिसमें दोनों कोविड-19 वैक्सीन की खुराक के बीच कोई अंतर न हो।
दिल्ली में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने राज्य से जुड़े कई मुद्दों पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। हमने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार के मुद्दे पर भी बात की और इस फैसले को वापस लेने की मांग की। त्रिपुरा में हो रहे अत्याचारों के मुद्दे पर बात की।
बिप्लब देब नीत भाजपा सरकार के तहत त्रिपुरा की स्थिति को भयानक बताते हुए बनर्जी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि मानवाधिकार आयोग पूर्वोत्तर के इस राज्य में क्रूर ताकत का किये जा रहे इस्तेमाल का "संज्ञान क्यों नहीं ले रहा” है। उन्होंने कहा, ‘‘त्रिपुरा में कोई लोकतंत्र नहीं है।
हत्याएं हो रही हैं। हथियारों के साथ गुंडे पुलिस थानों में घुस जा रहे हैं। मैं बता नहीं सकती कि कितने लोगों को कोलकाता लाया गया और एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिन्हें त्रिपुरा में चोटें आई थी। ’’ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने सवाल किया, ‘‘वह (त्रिपुरा में भाजपा सरकार) घायलों का मूलभूत उपचार तक नहीं करा रही है।
मानवाधिकार आयोग और वामपंथी अधिकार संगठन कहां हैं?’’ उन्होंने कहा, “त्रिपुरा के मुख्यमंत्री (बिप्लब देब) और उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्देश की अवहेलना कर रही है। उन्हें आम लोगों को जवाब देना होगा। मैं शीर्ष अदालत से उनकी सरकार के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करने की अपील करूंगी।”