लॉकडाउन के बीच सभी केंद्रीय मंत्री सोमवार से करेंगे काम, संयुक्त सचिव रैंक के अधिकारी आएंगे ऑफिस
By भाषा | Published: April 11, 2020 07:23 PM2020-04-11T19:23:47+5:302020-04-11T19:23:47+5:30
अब भारत के उज्जवल भविष्य के लिए,समृद्ध और स्वस्थ भारत के लिए जान भी जहान भी, दोनों पहलुओं पर ध्यान आवश्यक है, जब देश का प्रत्येक व्यक्ति जान भी और जहान भी, दोनों की चिंता करते हुए अपने दायित्व निभाएगा, सरकार और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करेगा।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अब तक उठाए गए कदमों का प्रभाव तय करने की खातिर अगले तीन-चार हफ्ते बेहद जटिल हैं और राज्यों से लॉकडाउन उल्लंघन पर रोक लगाने और सामाजिक दूरी के नियम पर अमल सुनिश्चित करने की अपील की।
इस बीच पीटीआई के अनुसार मंत्री परिषद से सोमवार से मंत्रालयों में काम बहाल करने को कहा गया है। संयुक्त सचिव और इससे ऊपर की श्रेणी के अधिकारी सोमवार से मंत्रालयों में कामकाज शुरू करेंगे। मंत्रालयों में एक तिहाई आवश्यक कर्मचारियों की उपस्थिति जरूरी होगी।
सभी केन्द्रीय मंत्रियों को सोमवार से अपने-अपने कार्यालयों से काम शुरू करने और लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की योजना बनाने के लिये कहा गया है। सूत्रों ने शनिवार को कहा कि सभी मंत्रियों से कहा गया है कि संयुक्त सचिव और उससे ऊपर की रैंक के अधिकारी अपने अपने विभागों में काम शुरू करें।
इसके अलावा प्रत्येक मंत्रालय में आवश्यक कर्मचारियों के एक तिहाई सदस्यों का उपस्थित होना जरूरी है। सूत्रों के अनुसार सरकार कोविड-19 के हॉस्पॉट और लॉकडाउन खत्म होने के बाद अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के उपायों पर ध्यान केन्द्रित कर रही है।
प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिेये संवाद में कहा कि ऐसा लगता है कि देशव्यापी लॉकडाउन को और दो सप्ताह के लिये बढ़ाये जाने के बारे में राज्यों के बीच आम सहमति है । गौरतलब है कि कोविड-19 के मद्देनजर वर्तमान देशव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च को शुरू हुआ था और यह 14 अप्रैल को समाप्त होना है।
डाक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों के लिये व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की कमी की रिपोर्ट पर मोदी ने कहा कि वायरस से निपटने में अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे सभी कर्मियों को सुरक्षात्मक और महत्वपूर्ण उपकरण मुहैया कराने के लिए कदम उठाए गए हैं।
संवाद के दौरान मुख्यमंत्रियों ने महामारी से मुकाबला करने के लिये वित्तीय मदद की भी मांग की । सरकारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने अश्वस्त किया कि भारत में जरूरी दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है। साथ ही उन्होंने कालाबाजारी, जमाखोरी के खिलाफ सख्त संदेश दिया।
मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्यों के समन्वित प्रयासों से कोविड-19 का असर घटाने में मदद मिली लेकिन चौकस रहना होगा । उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने में अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे सभी कर्मियों को सुरक्षात्मक और महत्वपूर्ण उपकरण मुहैया कराने के लिए कदम उठाए गए हैं । प्रधानमंत्री ने कृषि और संबंधित क्षेत्रों के लिये कृषि बाजार कानून में बदलाव समेत कुछ खास उपाय बताए जिससे कृषि उपज की बिक्री हो सके।