नई दिल्ली: योग गुरु रामदेव बाबा ने शनिवार को नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। नई संसद का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया जाएगा। विपक्ष के द्वारा कार्यक्रम के बहिष्कार को लेकर रामदेव ने कहा कि उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
इस दौरान बाबा रामदेव ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से भी अपील की कि उन्हें 28 मई को नई संसद भवन का घेराव के फैसले पर भी दोबारा सोचना चाहिए। उन्होंने कहा, "यह (नए संसद भवन का उद्घाटन) देखने का एक ऐतिहासिक क्षण है।
उन्होंने कहा, यह प्रत्येक नागरिक के लिए देश की एकता, अखंडता और संस्कृति के साथ-साथ लोकतंत्र का सम्मान और सम्मान करने का अवसर है।" विपक्ष के बहिष्कार को उन्होंने भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने वालों का अपमान बताया।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में, "देश की आजादी के लिए पांच लाख से ज्यादा शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति दी और देश की आजादी के लिए अगर कोई जगह है तो वो सरकार है।" सरकार, और स्वतंत्रता सेनानी अगर कोई नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करता है तो यह लोकतंत्र का अपमान है।"
आपको बता दें कि कांग्रेस सहित 20 विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित 18 एनडीए सदस्यों के साथ सात गैर-राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) दल कथित तौर पर समारोह में उपस्थित रहेंगे। विपक्षी पार्टियों की मांग है कि यह उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा कराया जाना चाहिए।