स्कूल-कॉलेज में लड़के-लड़कियों का साथ बैठना भारतीय संस्कृति के खिलाफ, पैदा होती है अराजकता- बोले केरल के नेता

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 29, 2022 12:17 PM2022-08-29T12:17:46+5:302022-08-29T12:33:56+5:30

मामले में बोलते हुए केरल नेता वेल्लापल्ली नतेसन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एलडीएफ सरकार खुद को एक धर्मनिरपेक्ष सरकार कहने के बावजूद धार्मिक दबाव के आगे झुक रही है और अपने कुछ फैसलों पर देर तक टिकती नहीं है।

Boy-girl sitting-hugging in school-college is against Indian culture creates chaos said Vellapalli Natesan | स्कूल-कॉलेज में लड़के-लड़कियों का साथ बैठना भारतीय संस्कृति के खिलाफ, पैदा होती है अराजकता- बोले केरल के नेता

फोटो सोर्स: Facebook Page Vellappally Natesan

Highlightsकेरल नेता वेल्लापल्ली नतेसन ने स्कूल-कॉलेज में लड़का-लड़की के एक साथ बैठना पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि ऐसा करना हमारी भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। नतेसन ने यह भी कहा कि ऐसा न तो ईसाई और मुस्लिम शैक्षणिक संस्थानों में होता है।

तिरुवनन्तपुरम:केरल में संख्या की दृष्टि से मजबूत हिंदू एझावा समुदाय के नेता वेल्लापल्ली नतेसन ने कहा है कि लड़कियों और लड़कों का कक्षाओं में एक साथ बैठना ‘भारतीय संस्कृति के खिलाफ’ है और यह ‘अराजकता’ पैदा करता है। आपको बता दें कि लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए सह-शिक्षा वाले स्कूलों में दोनों लिंग के विद्यार्थियों को एक साथ पढ़ाया जाता है। 

इन स्कूलों में समान यूनिफॉर्म की केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) नीत सरकार की लिंग तटस्थ नीति पर रविवार को यहां मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए नतेसन ने ये बातें कहीं। 

वेल्लापल्ली नतेसन ने क्या कहा 

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बेहद करीबी माने जाने वाले नतेसन ने कहा, ‘‘हम श्री नारायण धर्म परिपालन योगम (एसएनडीपी), कक्षाओं में लड़कियों और लड़कों के एक साथ बैठने के पक्ष में नहीं हैं. हमारी अपनी संस्कृति है। हम अमेरिका या इंग्लैंड में नहीं रह रहे हैं।’’ 

एसएनडीपी महासचिव ने कहा, ‘‘हमारी संस्कृति लड़कों और लड़कियों द्वारा एक दूसरे को गले लगाने और साथ बैठने को स्वीकार नहीं करती है। आप ईसाई और मुस्लिम शैक्षणिक संस्थानों में ऐसा होते नहीं देखते हैं।’’ 

लड़का-लड़की के साथ बैठने पर अराजकता पैदा होगी- नतेसन

हालांकि, उन्होंने कहा कि नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) और एसएनडीपी द्वारा प्रबंधित शिक्षण संस्थानों में ऐसी चीजें हो रही हैं। एनएसएस और एसएनडीपी राज्य में दो प्रमुख हिंदू जाति संगठन हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार ‘‘अराजकता पैदा करता है’’ और आप इसे हिंदू संगठनों द्वारा प्रबंधित कॉलेजों में देख सकते हैं। 

लड़का-लड़की के गले लगाने पर भी उठाया सवाल

उन्होंने कहा कि यह एक कारण है कि ऐसे संस्थानों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से अच्छे ग्रेड या वित्त पोषण नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि 18 साल से कम उम्र के या कॉलेजों में जो युवा छात्र-छात्राएं हैं उन्हें साथ नहीं बैठना चाहिए या एक दूसरे को गले नहीं लगाना चाहिए क्योंकि वे अब भी पढ़ रहे हैं। 

नतेसन ने कहा कि जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और परिपक्व हो जाते हैं, तो वे जो चाहें कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों का एक साथ बैठना और एक-दूसरे को गले लगाना भारत में ठीक नहीं है। 

सरकार तय नहीं कर सकती बच्चें क्या पहने या कौन से स्कूल में उन्हें जाना चाहिए

नतेसन ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एलडीएफ सरकार खुद को एक धर्मनिरपेक्ष सरकार कहने के बावजूद धार्मिक दबाव के आगे झुक रही है और अपने कुछ फैसलों पर देर तक टिकती नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे समाज में गलत संदेश जाता है। 

वह हाल में राज्य सरकार द्वारा की गई उस घोषणा का जिक्र कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि सरकार यह तय नहीं करने जा रही है कि बच्चों को कौन सा यूनिफॉर्म पहनना चाहिए या उन्हें मिश्रित स्कूलों में जाना चाहिए या नहीं। राज्य सरकार को उसकी लिंग तटस्थ शिक्षा नीति को लेकर विभिन्न मुस्लिम संगठनों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। 
 

Web Title: Boy-girl sitting-hugging in school-college is against Indian culture creates chaos said Vellapalli Natesan

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