'चिपको आंदोलन' पर आधारित ‘द चिपको मूवमेंट: अ पीपुल्स हिस्ट्री’ किताब को मिला NIF पुरस्कार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 1, 2022 21:34 IST2022-12-01T20:05:13+5:302022-12-01T21:34:30+5:30
आपको बता दें कि इस पुरस्कार के तहत विजेता को 15 लाख रुपए का नकद पुरस्कार और एक ट्रॉफी तथा प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है।

'चिपको आंदोलन' पर आधारित ‘द चिपको मूवमेंट: अ पीपुल्स हिस्ट्री’ किताब को मिला NIF पुरस्कार
बेंगलूरु: वन संरक्षण के लिए लोकप्रिय अभियान ‘चिपको आंदोलन’ पर आधारित एक किताब को गुरुवार को ‘कमलादेवी चट्टोपाध्याय एनआईएफ बुक प्राइज 2022’ का विजेता चुना गया है। यह किताब इतिहासकार-वन संरक्षण कार्यकर्ता शेखर पाठक ने लिखी है।
मनीषा चौधरी द्वारा लिखी गई है किताब
मनीषा चौधरी द्वारा हिंदी भाषा में लिखी किताब की अनुवादित कृति ‘द चिपको मूवमेंट: अ पीपुल्स हिस्ट्री’ को इस पुरस्कार के लिए चयनित आधुनिक भारतीय इतिहास और विविध विषयों पर आधारित पांच किताबों में से चुना गया है।
आपको बता दें कि कमलादेवी चट्टोपाध्याय एनआईएफ बुक प्राइज किसी भी देश के लेखक को आधुनिक या समकालीन भारत पर लिखे उत्कृष्ट कथेतर साहित्य के लिए दिया जाता है। पुरस्कार के तहत 15 लाख रुपए का नकद पुरस्कार, एक ट्रॉफी तथा प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। विजेता का चयन राजनीतिक वैज्ञानिक नीरजा गोपाल जायल की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय जूरी ने किया है।
पुस्तक को लेकर जूरी ने क्या कहा है
विजेता पुस्तक पर जूरी ने कहा, ‘‘यह एक ऐसे विद्वान द्वारा चिपको आंदोलन का सर्वोत्तम इतिहास है जिन्होंने व्यावहारिक तौर पर इसे जिया। यह ऐसी किताब है जो स्थानीय समुदायों खासतौर से महिलाओं की आंखों से आंदोलन की कहानी बयां करती है।’’
गौरतलब है कि इस पुरस्कार का नाम कमलादेवी चट्टोपाध्याय के नाम पर रखा गया है जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम, महिला आंदोलन, शरणार्थियों के पुनर्वास और हस्तशिल्प के पुनरुद्धार में काफी योगदान दिया है।