महाराष्ट्र में कोरोना से लगातार हो रही मौतों के बाद बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने सोमवार को आदेश दिया कि कोविड-19 से मारे गए लोगों का धर्म कोई भी हो, उनका शवदाह किया जाएगा। हालांकि इस आदेश के कुछ ही देर बाद अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि यह आदेश वापल लिया गया है। यह जानकारी नवाब मलिक ने ट्वीट करके दी है।
बता दें कि बृहन्मुंबई नगर निगम के आयुक्त प्रवीण परदेशी ने सर्कुलर के माध्यम से कहा था कि यदि कोई शव को दफनाने के लिए जोर देता है, तो उन्हें केवल तभी अनुमति दी जाएगी जब शव को मुंबई शहर के अधिकार क्षेत्र से बाहर ले जाया जाएगा। फिलहाल, मंत्री नवाब मलिक की बीएमसी से बातचीत के बाद बयान वापस ले लिया है।
पुणे में कोरोना वायरस से 52 वर्षीय एक व्यक्ति की सोमवार को मौत के साथ ही महाराष्ट्र में संक्रमण से मृतकों की संख्या बढ़कर नौ हो गयी। एक अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित था।
अधिकारी ने बताया, ‘‘22 मार्च को व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। पुणे में एक अस्पताल में सोमवार को उनकी मौत हो गयी। ’’ पुणे के मेयर मुरलीधर मोहोल ने बताया कि व्यक्ति को दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था । सोमवार को कई अंगों के काम करना बंद करने के बाद उनकी मौत हो गयी।
महाराष्ट्र में सोमवार को 12 और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पु्ष्टि होने के बाद राज्य में कोविड-19 मामलों की संख्या बढ़कर 215 हो गई। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि 12 नये मरीजों में से पांच पुणे से, तीन मुंबई से, दो नागपुर से और एक-एक मरीज कोल्हापुर और नासिक से है। राज्य में अब तक कोविड-19 के आठ मरीजों की मौत हो चुकी है।