जेल में बंद हेमंत सोरेन पर भाजपा ने कसा शिकंजा, रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाते हुए कहा, "उन पर जमीन घोटाला ही नहीं अन्य 2 और भी आरोप हैं''
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 2, 2024 07:37 AM2024-02-02T07:37:21+5:302024-02-02T07:40:40+5:30
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने बीते गुरुवार को आरोप लगाया कि कथित भूमि घोटाले के आरोप में ईडी द्वारा सलाखों के पीछे भेजे गये झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो नेता हेमंत सोरेन पर दो अन्य आपराधिक मामलों में "संलिप्तता" पाई गई हैं।
नई दिल्ली: भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने बीते गुरुवार को आरोप लगाया कि कथित भूमि घोटाले के आरोप में ईडी द्वारा सलाखों के पीछे भेजे गये झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो नेता हेमंत सोरेन पर दो अन्य आपराधिक मामलों में "संलिप्तता" पाई गई हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, "हेमंत सोरेन पर कुल तीन मामल हैं. जिनमें से एक मामले में उन्हें अदालत के सामने पेश किया गया है। जबकि दो अन्य मामले बाकि हैं, जांच एजेंसियां उनके घर से 36 लाख रुपये बरामद कर चुकी हैं।"
उन्होंने बुधवार को दक्षिणी दिल्ली स्थित शांति-निकेतन में हेमंत सोरेन के आवास पर ईडी की छापेमारी का जिक्र करते हुए कहा, "दिल्ली में उनका आवास बहुत सुंदर है। शांति-निकेतन एक पॉश कॉलोनी है। वहां ईडी की ओर से एक बीएमडब्ल्यू भी बरामद की गई है। हेमंत सोरेन अपना खजाना भरें लेकिन वो कानूनी रूप से कमाएं।''
भाजपा नेता बुधवार रात में चले हाईवोल्टेज राजनीति ड्रामा के बीच ईडी द्वारा रांची जमीन घोटाले में की गई पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
रविशंकर प्रसाद ने साफ शब्दों में आरोप लगाया कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सेना भूमि 'घोटाले' मामले में शामिल हैं और वो लगातार इस मामले में एजेंसी को चकमा देने का प्रयास कर रहे थे।
उन्होंने कहा, "रांची के मोरहाबादी में सेना के पास एक जमीन थी। जिसे एक फर्जी मालिक प्रदीप बागची ने कोलकाता के जगतबंधु टी एस्टेट को बेच दिया। जब ईडी ने जांच शुरू की, तो पता चला कि रांची में एक गिरोह सक्रिय था, जिसने फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन का स्वामित्व ले लिया। इसमें आईएएस अधिकारी भी शामिल थे।''
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने आरोप लगाया, ''इन सभी जालसाजों को सीधे तौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा संरक्षण मिल रहा था और वो इस घोटाले को कराने वाले मुख्य साजिशकर्ता थे।''
इस बीच सुप्रीम कोर्ट में वकील प्रज्ञा बघेल के माध्यम से याचिका दायर करने वाले हेमंत सोरेन ने अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की है। सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा गुरुवार सुबह सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका का उल्लेख करने के बाद शीर्ष अदालत इसे शुक्रवार, 2 फरवरी को सूचीबद्ध करने पर सहमत हुई।
याचिका में हेमंत सोरेन ने कहा, "प्रवर्तन निदेशालय बेशर्मी से केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत काम कर रहा है और याचिकाकर्ता, जो झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री हैं। उनके नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए साजिश की गई है।"