अगरतला, 6 मार्च; त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद हिंसा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। 13 जिलों में लगातार हिंसा जारी है। राज्य में तोड़फोड़ और मारपीट के बाद अब वामपंथी स्मारकों को तोड़ा जा रहा है। जिसका आरोप बीजेपी कार्यकर्ताओं पर है। वामपंथी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। ताजा जानकारी के मुताबिक बीजेपी समर्थकों ने त्रिपुरा के बेलोनिया सबडिविजन में बुलडोजर से रूसी क्रांति के लीडर व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को तोड़ दिया है। ये मूर्ती पिछले पांच साल से बेलोनिया सबडिविजन में लगी थी। विधानसभा के चुनाव के 3 दिन के बाद ही बीजेपी समर्थकों ने भारत माता की जय के नारे लगाते हुए मूर्ती को बुलडोजर लगाकर जमीन पर गिरा दिया। सीपीएम जहां इसे कम्युनिस्ट फोबिया का एक उदाहरण बता रही है तो वहीं, बीजेपी ने इसे कम्युनिस्टों के खिलाफ लोगों के गुस्सा बताया है। साम्यवादी विचारधारा के नायक लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने के बाद से वामपंथी दल और उनके कैडर काफी नाराज हैं।इस घटना पर सीपीआई(एम) ने प्रतिक्रिया देते हुए नाराजगी जताई है। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारिक वेबसाइट से वामपंथी कैडरों और दफ्तरों पर हुए हमलों की लिस्ट भी जारी की है। इनका कहना है कि ऐसे हिंसा पैदा करके पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी उन्हें डराने और धमकाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथी ही उन्होंने कहा कि ये हिंसक घटनाएं पीएम मोदी द्वारा बीजेपी को लोकतांत्रिक बताने के दावों का मजाक है।