भाजपा को मिले एक साल में 800 करोड़ का चंदा, केवल टाटा ट्रस्ट से 356 करोड़ मिले, 2016-18 में मिले थे 900 Crore

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 13, 2019 01:42 PM2019-11-13T13:42:03+5:302019-11-13T13:55:15+5:30

भाजपा द्वारा निर्वाचन आयोग को 31 अक्टूबर को दी गई जानकारी के अनुसार पार्टी को वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान चेक और ऑनलाइन भुगतान के दौरान कुल 800 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिला। इसमें से लगभग आधा चंदा-356 करोड़ रुपये-टाटा समूह के योगदान वाले ‘प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट’ से मिला।

BJP received Rs 800 crore in one year, got 356 crore only from Tata Trust, 900 Crore was received in 2016-18 | भाजपा को मिले एक साल में 800 करोड़ का चंदा, केवल टाटा ट्रस्ट से 356 करोड़ मिले, 2016-18 में मिले थे 900 Crore

भाजपा को साल 2016-18 के दौरान 15,00 से ज्यादा कार्पोरेट्स से 900 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिला जो इसी अवधि के दौरान कांग्रेस को मिले चंदे से 16 गुना ज्यादा था।

Highlightsदस्तावेजों के अनुसार भारत के सबसे धनी ट्रस्ट- ‘द प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट’ ने पार्टी को 54.25 करोड़ रुपये का चंदा दिया।चुनावी बांड के रूप में प्राप्त चंदा इसमें शामिल नहीं है। दस्तावेज में कहा गया कि भाजपा को व्यक्तियों, कंपनियों और चुनावी ट्रस्टों की ओर से चंदा मिला।

भाजपा को 2018-19 के दौरान टाटा समूह के योगदान वाले एक चुनावी ट्रस्ट से 356 करोड़ रुपये का चंदा मिला। सत्तारूढ़ दल ने यह जानकारी निर्वाचन आयोग में जमा किए गए दस्तावेजों में दी है।

भाजपा द्वारा निर्वाचन आयोग को 31 अक्टूबर को दी गई जानकारी के अनुसार पार्टी को वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान चेक और ऑनलाइन भुगतान के दौरान कुल 800 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिला। इसमें से लगभग आधा चंदा-356 करोड़ रुपये-टाटा समूह के योगदान वाले ‘प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट’ से मिला।

दस्तावेजों के अनुसार भारत के सबसे धनी ट्रस्ट- ‘द प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट’ ने पार्टी को 54.25 करोड़ रुपये का चंदा दिया। इस ट्रस्ट को भारती ग्रुप, हीरो मोटोकोर्प, जुबिलैंट फूडवर्क्स, ओरियंट सीमेंट, डीएलएफ, जेके टायर्स जैसे कॉरपोरेट घरानों का समर्थन प्राप्त है। उपलब्ध कराई गई सूचना 20 हजार रुपये या इससे अधिक के चंदे से जुड़ी है जिसका भुगतान चेक के जरिए या ऑनलाइन किया गया।

चुनावी बांड के रूप में प्राप्त चंदा इसमें शामिल नहीं है। दस्तावेज में कहा गया कि भाजपा को व्यक्तियों, कंपनियों और चुनावी ट्रस्टों की ओर से चंदा मिला। चुनाव संहिता के अनुसार राजनीतिक दलों के लिए वित्त वर्ष के दौरान मिलने वाले समूचे चंदे का खुलासा करना आवश्यक है। वर्तमान में राजनीतिक दलों के लिए ऐसे लोगों और संगठनों के नामों का खुलासा करने की अनिवार्यता नहीं है जो 20 हजार रुपये से कम का चंदा देते हैं या फिर जो लोग चुनावी बांड के रूप में चंदा देते हैं। 

भाजपा को 2016-18 के बीच 900 करोड़ से ज्यादा चंदा मिला : एडीआर

भाजपा को साल 2016-18 के दौरान 15,00 से ज्यादा कार्पोरेट्स से 900 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिला जो इसी अवधि के दौरान कांग्रेस को मिले चंदे से 16 गुना ज्यादा था। नई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ। असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने साल 2016-18 के दौरान राष्ट्रीय दलों को कॉर्पोरेट्स से मिले चंदे का विश्लेषण कर यह बात कही।

एडीआर के विश्लेषण के मुताबिक 2016-18 के दौरान कारोबारी घरानों ने 985.18 करोड़ रुपये का चंदा दिया जो ज्ञात स्रोतों से राजनीतिक दलों को मिले कुल योगदान का 93 फीसद था। रिपोर्ट में कहा गया, “छह राष्ट्रीय दलों में भाजपा को सबसे ज्यादा 915.596 करोड़ रुपये 1,731 कार्पोरेट दानदाताओं से मिला।

इसके बाद कांग्रेस को 151 दानदाताओं से कुल 55.36 करोड़ रुपये मिले। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को वित्तवर्ष 2016-17 और 2017-18 के दौरान 23 कार्पोरेट दानदाताओं से कुल 7.737 करोड़ रुपये की रकम मिली।” इसमें कहा गया कि वित्त वर्ष 2016-17 और 2017-18 में भाजपा और कांग्रेस को 20 हजार रुपये से ज्यादा का स्वैच्छिक योगदान क्रमश: 94 फीसद और 81 फीसद था। वित्त वर्ष 2012-13 और 2017-18 के बीच भाजपा को छह वर्षों के दौरान सबसे अधिक 1,621.40 करोड़ रुपये का कार्पोरेट चंदा मिला था जो कुल कार्पोरेट चंदे का 83.49 फीसद था। 

Web Title: BJP received Rs 800 crore in one year, got 356 crore only from Tata Trust, 900 Crore was received in 2016-18

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