बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने मोदी-योगी सरकार पर किया तंज! कहा- 'नीरव, ललित करोड़ो लेकर भागे,आमजन से लोन वसूली में सख्ती'
By राजेंद्र कुमार | Published: October 29, 2023 06:54 PM2023-10-29T18:54:24+5:302023-10-29T18:56:35+5:30
वरुण ने उद्योगपतियों को आसानी से मिलने वाले लोन का मसाला उठाया और कहा कि देश और प्रदेश की सरकारें बड़े उद्योगपतियों के लिए रेड कार्पेट बिछाकर उनका स्वागत कर रही हैं। उद्योगपतियों को आसानी से लोन मिल रहा है, लेकिन आम आदमी लोन लेने के लिए चक्कर पर चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
लखनऊ: लोकसभा चुनावों के पहले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी के तेवर और तीखे होने लग गए हैं। रविवार को उन्होंने आमजन के साथ लोन वसूली को लेकर की जा रही सख्ती के मुद्दे को लेकर केंद्र और योगी सरकार को ही अपने निशाने पर ले लिया और तंज़ किया। वरुण गांधी पीलीभीत के कलीनगर कस्बे में एक जनसभा संबोधित करने पहुंचे थे। उस दौरान वरुण गांधी ने आमजन को लोन लेने में होने वाली मुश्किलों का ज़िक्र किया और कहा कि देश व प्रदेश में सामान्य नागरिक को लोन लेने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उस पहले मेज के नीचे चढ़ावा देना पड़ता है, तब कहीं जाकर लोन मिलता है। वहीं नीरव मोदी, ललित मोदी जैसे समेत तमाम उद्योगपति हजारों करोड़ रुपये लेकर भाग गए। ऐसे लोगों का कुछ नहीं हुआ जबकि आमजन से छोटे-मोटे लोन की वसूली के लिए सख्ती की जा रही है।
वरुण के तीखे बोल
भाजपा सांसद वरुण गांधी अपने संसदीय क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को पीलीभीत पहुंचे थे। बीते दो दिनों के दौरान वरुण गांधी अपनी सांसद निधि के पांच करोड़ के बजट से क्षेत्र में कराए गए 91 कार्यों का शिलान्यास किया। उन्होने यह दावा भी किया कि सांसद निधि समय से पहले खर्च करने का रिकॉर्ड यूपी में पीलीभीत के नाम होगा। इसके बाद उन्होने अपने संसदीय क्षेत्र में कई छोटी -छोटी जनसभाओं को संबोधित किया। हर जनसभा में वरुण ने बच्चों की पढ़ाई -लिखाई का जिक्र किया। फिर कहा कि बच्चे परीक्षा की तैयारी करते हैं, पेपर देने जाते हैं, लेकिन पेपर लीक हो जाता है। देश और प्रदेश के हर राज्य में ऐसा हो रहा है तो इसका जिम्मेदार कौन है? इसके बाद उन्होने उद्योगपतियों को आसानी से मिलने वाले लोन का मसाला उठाया और कहा कि देश और प्रदेश की सरकारें बड़े उद्योगपतियों के लिए रेड कार्पेट बिछाकर उनका स्वागत कर रही हैं। उद्योगपतियों को आसानी से लोन मिल रहा है, लेकिन आम आदमी लोन लेने के लिए चक्कर पर चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। यही नहीं आम आदमी जब किसी अधिकारी या पुलिस के अफसर से मिलने जाते हैं तो उनको दबकर अपनी बात रखनी होती है। यह तो अंग्रेजों के समय होता था, लेकिन आज भी यह सब हो रहा है। हम रोज देख रहे हैं कि आमजन से लोन वसूली को लेकर सख्ती की जा रही है और अमीरों को लोन वापसी के लिए छूट दी जा रही है।
उन्होने जाति और धर्म की राजनीति में क्षेत्र के लोगों को ना फसने की सलाह दी और कहा कि वह नौजवान, महिला, बुजुर्ग, किसान आदि की लड़ाई लड़ने के लिए ही राजनीति में आए हैं। पीड़ितों की आवाज उठाने में उनको काफी नुकसान होता है, लेकिन उनको अपने नुकसान की चिंता नहीं है। वरुण ने यह भी कहा कि वह समझौते की नहीं बल्कि सिद्धांतों की राजनीति करते हैं और अब उस राजनीति का हिस्सा बनेंगे जो अपनी चिंता न कर राष्ट्र की चिंता करें। यह दावा करते हुए वरुण ने कहा कि देश और प्रदेश में राजनीति का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। लोगों के मन में अविश्वास पैदा हो रहा है कि राजनीति में लोग लालच में आते हैं, न कि राष्ट्रीय निर्माण के लिए। फिर उन्होंने गांधी और नेहरू का जिक्र कर आज की राजनीति पर तंज कसा और कहा कि पहले देश की राजनीति में नेहरू, पटेल और अंबेडकर जैसे नेता होते थे। तब नारा लगाया जाता था कि हमारा नेता कैसा हो, नेहरू पटेल जैसा होगा। आज की स्थिति ऐसी हो गई है, नारों में कहा जा रहा है- नेता कैसा हो, जिसके पास सबसे ज्यादा पैसा हो।