घरेलू फ्लाइट्स में तकनीकी खराबी को लेकर वरुण गांधी ने उठाए सवाल, पूछा- क्या हम किसी बड़ी घटना के इंतजार में हैं?
By मनाली रस्तोगी | Published: July 22, 2022 11:53 AM2022-07-22T11:53:50+5:302022-07-22T11:58:20+5:30
वरुण गांधी नेहरू-गांधी परिवार से ताल्लुख रखते हैं, जिन्होंने 1947 में देश की आजादी के बाद से भारत की राजनीति में एक प्रमुख स्थान पर कब्जा किया हुआ है। वरुण ऋषि वैली स्कूल और ब्रिटिश स्कूल से पढ़े हुए हैं। उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय से बीएससी (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की है।
नई दिल्ली: पिछले कुछ हफ्तों में विभिन्न कारणों से फ्लाइट डायवर्जन की कई घटनाएं सामने आई हैं। इसी क्रम में 17 जुलाई को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सुरक्षा मुद्दों के संबंध में MoCA (नागरिक उड्डयन मंत्रालय) के वरिष्ठ अधिकारियों और डीजीसीए के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। सिंधिया ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाए।
जब घरेलू फ्लाइट्स की कीमतें लगभग दोगुनी हो चुकी हैं तब तकनीकी खराबी की वजह से देशभर में लगातार विमानों की आपातकाल लैंडिंग के समाचार मिल रहे हैं।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) July 22, 2022
गत 2 महीनों में ही 17 उड़ानें प्रभावित हुई जो बेहद चिंताजनक है।
DGCA को सख्ती दिखानी होगी…क्या हम किसी बड़ी घटना के इंतजार में हैं?
वहीं, अब घरेलू फ्लाइट्स में तकनीकी खराबी को लेकर उत्तर प्रदेश में पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने सवाल किया है। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा, "जब घरेलू फ्लाइट्स की कीमतें लगभग दोगुनी हो चुकी हैं तब तकनीकी खराबी की वजह से देशभर में लगातार विमानों की आपातकाल लैंडिंग के समाचार मिल रहे हैं। गत 2 महीनों में ही 17 उड़ानें प्रभावित हुई जो बेहद चिंताजनक है।"
दूध, आटा, दाल, चावल आदि जैसी वस्तुओं पर GST लागू हो चुका है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) July 20, 2022
शराब, पेट्रोल और डीजल आदि पर नहीं..!
अगर इस टैक्स प्रणाली का सारा बोझ आम जनता ही वहन करेगी तो इसे लाने का मूल उद्देश्य ही पीछे छूट जाएगा।
केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर GST का एक जनहितकारी प्रारूप तैयार करना होगा।
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि डीजीसीए को सख्ती दिखानी होगी...क्या हम किसी बड़ी घटना के इंतजार में हैं? बता दें कि इससे पहले वरुण गांधी ने वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी को लेकर केंद्र सरकार को घेरा था। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, "दूध, आटा, दाल, चावल आदि जैसी वस्तुओं पर जीएसटी लागू हो चुका है। शराब, पेट्रोल और डीजल आदि पर नहीं...! अगर इस टैक्स प्रणाली का सारा बोझ आम जनता ही वहन करेगी तो इसे लाने का मूल उद्देश्य ही पीछे छूट जाएगा। केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर जीएसटी का एक जनहितकारी प्रारूप तैयार करना होगा।"