बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने संयुक्त राष्ट्र आम सभा (यूएनजीए) में यरूशलम को इजराइल की राजधानी की रूप में मान्यता देने का विरोध करने को राष्ट्रहित के खिलाफ उठाया कदम बताया है। गुरुवार (21 दिसंबर) को हुए मतदान में भारत समेत 128 देशों ने अमेरिका और इजराइल के इस फैसले के खिलाफ वोट किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यरूशलम को इजराइल की राजधानी के रूप में मंजूरी दी थी।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया, "अमेरिका द्वारा पश्चिमी यरूशलम को अपने दूतावास के लिए चुनने के फैसले भारत ने अमेरिका और इजराइल के पक्ष में वोट न देकर बड़ी गलती की है। अभी संयुक्त राष्ट्र यहूदियों के पवित्र शहर को विभाजित मानता है। पश्चिम यरूशलम इजराइल का है। इसलिए वहां दूतावास हो सकता है।"
एक अन्य ट्वीट में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि फिलीस्तीन ने कभी भी कश्मीर मुद्दे पर भारत का समर्थन नहीं किया है। स्वामी ने ट्वीट किया, "यूएनजीए में फिलीस्तीन-समर्थक हितों के पक्ष में वोट देना भारत के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है। फिलीस्तीन ने कभी भी कश्मीर और इस्लामिक आतंवाद पर भारत का समर्थन नहीं किया है।"