आपने अभी तक पुरानी कहावत सुनी होगी कि डॉक्टर का बेटा डॉक्टर, अभिनेता का बेटा अभिनेता और नेता का बेटा नेता होता है, लेकिन राजस्थान के एक बीजेपी विधायक के बेटे की कहानी कुछ अलग है। दरअसल, राजस्थान विधानसभा सचिवालय में चतुर्थ श्रेणी के 18 चपरासियों की भर्ती निकली गई थी, जिसमें इंजीनियर, वकील, सीए और पोस्ट-ग्रेजुएशन जैसी योग्यताएं रखने वाले अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
इस भर्ती का जब रिजल्ट आया तो बीजेपी विधायक के बेटे का चयन हुआ, जिसे सुनकर सब हैरान रह गए। वह दसवीं पास है। चयनित अभ्यर्थियों की लिस्ट में रामकृष्ण मीणा का नाम 12 नंबर पर है। यह जामवा रामगढ़ से भाजपा विधायक जगदीश नारायण मीणा के बेटे हैं। मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी को आड़े हाथ लिया और कहा कि बीजेपी नेता ने भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित किया है। राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने भर्ती की चयन प्रक्रिया को लेकर उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग भी की है।
मामला बढ़ने के बाद बीजेपी विधायक मीणा ने प्रतिक्रिया दी कि चयन प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ हुई है इसमें कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है। अगर मैं अपने बेटे की मदद करता तो क्या उसे चपरासी के पद पर नियुक्त करवाता। उसने सामान्य प्रक्रिया की तरह ही इस पद के लिए आवेदन किया था और उसने इंटरव्यू दिया, जिसके बाद उसका चयन हुआ है।