भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिल्ली के नेता कपिल मिश्रा पर पिछले हफ्ते उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़काने का आरोप लगा है। जिसके बाद से वह विवादों में चल रहे हैं। इस मामले को लेकर अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा के खिलाफ आज (4 मार्च) सुनवाई है। सुनवाई से पहले कपिल मिश्रा ने आज सुबह एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने उन दो लोगों के नाम बताए हैं, जिन्होंने उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस दर्ज किया है। कपिल मिश्रा को अब वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा देने का फैसला किया गया है।
कपिल मिश्रा ने लिखा है, 'दो लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में कपिल मिश्रा के खिलाफ केस किया है, हर्ष मंदर और महमूद पार्चा।' कपिल मिश्रा ने ट्वीट में इसके बाद हर्ष मंदर और महमूद पार्चा का एक वीडियो भी शेयर किया है। कपिल मिश्रा ने ट्वीट में हर्ष मंदर और महमूद पार्चा का बयान भी कोट किया है।
दो लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में कपिल मिश्रा के खिलाफ केस किया हैं1. हर्ष मंदर2. महमूद पार्चासुनिए इन दोनों को -हर्ष मंदर - ना सुप्रीम कोर्ट की मानेंगे, ना संसद की, सब फैसला सड़को पर करेंगेपार्चा - मुस्लिमो को घर जेवर बेचकर भी तुरंत हथियार खरीदने चाहिए pic.twitter.com/NLHltcB3kK— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) March 4, 2020
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा के खिलाफ लेखक और सोशल एक्टिविस्ट हर्ष मंदर ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। हर्ष मंदर ने हेट स्पीच देने वालों नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में आज प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में पिछले हफ्ते में सांप्रदायिक दंगे शुरू होने से पहले हेट स्पीच देने के आरोपी बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा था कि सीएए विरोधियों से सड़क जाम खत्म करने की अपील को लेकर उनसे सवाल तो किया जा रहा है लेकिन जिन्होंने देश को बांटने की बात कही, उनसे सवाल नहीं पूछे जा रहे हैं। कपिल मिश्रा ने कहा, ‘‘ हम 70 से अधिक दिनों से अशालीन प्रदर्शन देख रहे हैं जिसमें कुछ बड़े नेता और तथाकथित कार्यकर्ता शामिल हैं। यह प्रदर्शन पुलिस और रक्षाबलों के खिलाफ भावनाएं भड़का रहा है। सीएए विरोध के नाम पर हिंसा, जो दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में फैली, खत्म होनी चाहिए, क्योंकि यह काफी दूर तक चली गयी है।’’
कपिल मिश्रा ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास सीएए के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने वालों को कथित धमकी दी थी कि अगर तीन दिनों में ये धरना खाली नहीं हुआ तो हम सड़कों पर उतरेंगे और फिर दिल्ली पुलिस की भी नहीं सुनेंगे।