नतीजों से पहले इसलिए घबराई है बीजेपी! कब्जे वाली 98 सीटों पर इसबार कम हुआ मतदान

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 23, 2019 07:49 AM2019-05-23T07:49:48+5:302019-05-23T07:49:48+5:30

भाजपा ने 2014 के चुनावों में 282 सीटें जीती थीं. भाजपा के कब्जे वाली जिन 98 सीटों पर कम मतदान हुआ है, उनमें से 31 शहरी और 67 ग्रामीण इलाकों की है.

BJP fears before Lok Sabha Election Results 2019, low voting percentage in winning seat is the reason | नतीजों से पहले इसलिए घबराई है बीजेपी! कब्जे वाली 98 सीटों पर इसबार कम हुआ मतदान

नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

Highlights विश्लेषक इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि कम मतदान का फायदा किसे मिलेगा.यूपी, महाराष्ट्र का हाल उत्तरप्रदेश में भाजपा ने जिन 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी, उनमें से 30 पर कम मतदान हुआ.

हरीश गुप्ता/नितिन अग्रवाल (नई दिल्ली): चुनावी विश्लेषकों ने भले ही एक्जिट पोल्स में भाजपा को 2019 लोकसभा चुनावों में भारी जीत का दावेदार करार दे दिया हो, लेकिन भाजपा का खेमा अपने कब्जे की 98 सीटों पर कम मतदान को लेकर चिंतित है. 2014 की तुलना में लोकसभा चुनाव 2019 में 227 सीटों पर कम और 315 सीटों पर पिछली बार से ज्यादा मतदान हुआ है. भाजपा ने 2014 के चुनावों में 282 सीटें जीती थीं. भाजपा के कब्जे वाली जिन 98 सीटों पर कम मतदान हुआ है, उनमें से 31 शहरी और 67 ग्रामीण इलाकों की है.

कम मतदान के मायने एक्जिट पोल्स में चुनावी विश्लेषक भाजपानीत गठबंधन के 330 से 369 सीटें जीतने तक के दावे कर रहे हैं. विश्लेषक इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि कम मतदान का फायदा किसे मिलेगा. भाजपानीत राजग गठबंधन के खाते में 330-365 सीटें जाने का कयास लगाने वाले इंडिया टुडे एक्सिस के प्रदीप गुप्ता की राय में कम मतदान पिछले सांसद/सरकार की कमजोरी का सूचक होता है. इसका सीधा सा अर्थ होता है कि वर्तमान सांसद को दोबारा चुनने में मतदाताओं की कोई रूचि नहीं है.

उन्होंने कहा, 'लेकिन इसका यह मतलब भी नहीं है कि जो लोग मतदान करने गए उन्होंने वर्तमान सांसद को वोट नहीं दिए.'  यूपी, महाराष्ट्र का हाल उत्तरप्रदेश में भाजपा ने जिन 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी, उनमें से 30 पर कम मतदान हुआ. भाजपानीत गठबंधन के कब्जे वाली महाराष्ट्र की 9 सीटों पर कम 14 पर ज्यादा तो गुजरात में 9 पर कम और 17 पर ज्यादा मतदान हुआ. 2014 में भाजपा ने झारखंड में 10 सीटें जीती थीं, जिनमें से 9 पर इस बार पिछली बार की तुलना में ज्यादा मतदान हुआ.

खामोश...

उल्लेखनीय तौर पर आगरा और पटना साहब जैसी सीटों पर भी मतदान में 23 से 17 प्रतिशत तक की कमी देखी गई. पटना साहब शत्रुघ्न सिन्हा (कांग्रेस) और रविशंकर प्रसाद (भाजपा) के बीच टक्कर के कारण आकर्षण का केंद्र है.

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