राहुल गांधी के बयान के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंचा बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल, कार्रवाई की मांग
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 13, 2019 06:12 PM2019-12-13T18:12:38+5:302019-12-13T18:12:38+5:30
राहुल गांधी के बयान के खिलाफ बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा। इसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और सांसद सरोज पांडेय भी शामिल थी।
राहुल गांधी के बयान के खिलाफ बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा। इसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और सांसद सरोज पांडेय भी शामिल थी। उन्होंने चुनाव आयोग में इसकी शिकायत की है। स्मृति ईरानी ने कहा कि चुनाव आयोग ने हमें भरोसा दिलाया है कि कानूनी प्रक्रिया के तहत न्याय किया जाएगा।
ईरानी ने कहा कि हमने पहले भी कहा है कि महिलाओं के खिलाफ क्राइम का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। राहुल गांधी ने रेप को राजनीतिक हथियार बनाया है। हम चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग करते हैं।
लोकसभा में हंगामा
राहुल गांधी के 'रेप इन इंडिया' बयान को लेकर शुक्रवार को लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ और बीजेपी की महिला सांसदो ने सदन में नारेबाजी करते हुए राहुल से इस बयान पर माफी मांगने की मांग की। बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि पीएम मोदी 'मेक इन इंडिया' की बात करते हैं और राहुल गांधी 'रेप इन इंडिया' की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि ये देश की महिलाओं और भारत माता का अपमान है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में राहुल के 'रेप इन इंडिया' बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा बयान देकर राहुल गांधी ने देश की महिलाओं का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि राहुल का ये बयान शर्मनाक है। ईरानी ने कहा कि इस बयान के लिए राहुल गांधी को दंडित किया जाना चाहिए।
झारखंड की रैली में दिया था 'रेप इन इंडिया' का बयान
राहुल गांधी ने गुरुवार को झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए आयोजित एक रैली के दौरान कहा था कि मोदी का 'मेक इन इंडिया' अब 'रेप इन इंडिया' बन गया है। राहुल ने कहा कि झारखंड से लेकर उत्तर प्रदेश तक देश में भी जहां भी देखो रेप हो रहे हैं, बीजेपी के एक विधायक भी एक महिला से रेप के आरोपी हैं, लेकिन पीएम मोदी चुप हैं।
वहीं राहुल गांधी के 'रेप इन इंडिया' बयान को लेकर राज्यसभा में भी उनके खिलाफ कुछ सांसदों ने 'राहुल गांधी माफी मांगो' के नारे लगाए। राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा, 'आप उस व्यक्ति का नाम नहीं ले सकते, जो इस सदन का सदस्य नहीं है। किसी का भी काम सदन की शांति भंग करना नहीं है।'