चेन्नईः तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने मंगलवार को संकेत दिया कि राज्य में भी महाराष्ट्र की तरह सियासी फेरबदल होगा। उन्होंने द्रमुक में वंशवाद की राजनीति की तुलना महाराष्ट्र में सियासी संकट से करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे शिवसेना से निकले, उन्होंने 'राज धर्म' का पालन किया। यह तमिलनाडु में भी होगा।
अन्नामलाई के बयान के बाद तमिलनाडु के सियासी गलियारों में ऐसी अकटलें लगाई जाने लगी हैं कि एमके स्टालिन की पार्टी के भीतर भी विद्रोह हो सकता है। अन्नामलाई ने महाराष्ट्र में सियासी फेरबदल का जिक्र करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में हमें 25 सांसद मिलेंगे जो राज्य में विधानसभा चुनाव में 150 विधायकों के बराबर होंगे।
द्रमुक पार्टी में वंशवाद की राजनीति पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि करुणानिधि के बड़े बेटे मुथु ने फिल्मों में अभिनय करने की योजना बनाई लेकिन यह काम नहीं किया। उनके दूसरे बेटे अजगिरी भी ठाकरे परिवार की तरह पार्टी से बाहर हैं। उनके तीसरे बेटे स्टालिन महाराष्ट्र में उनके (बालासाहेब ठाकरे के) बेटे की तरह सीएम बने।
अन्नमलाई ने कहा कि जिस तरह से उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं, इसी तरह स्टालिन के बेटे उदयनिधि की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं। दोनों अपनी-अपनी पार्टियों के युवा विंग के नेता हैं। तमिलनाडु कैबिनेट फेरबदल के लिए तैयार है। एकनाथ शिंदे सामने आएंगे।
वल्लुवर कोट्टम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अन्नामलाई ने कहा, ढाई साल पहले, तीन दलों के एक समूह ने डीएमके और कांग्रेस की तरह गठबंधन बनाने के लिए हाथ मिलाया था। महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने हाथ मिलाया और भाजपा जिसके 105 विधायक थे, को पीछे धकेल दिया गया और शिवसेना ने 57 विधायकों के साथ सरकार बनाई। अन्नामलाई ने कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भाजपा समर्थकों को बहुत प्रताड़ित किया।