लाइव न्यूज़ :

बीजेपी ने बोला हमला, कहा- तबादलों और रेत नीति में उलझी रही कमलनाथ सरकार, नहीं कर पाई यूरिया का प्रबंधन

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 13, 2019 05:52 IST

बीजेपी ने कहा है कि मध्यप्रदेश में किसानों की स्थिति बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. वह राज्य जिसको भाजपा सरकार के समय कृषि कर्मण पुरस्कार मिलता रहा है, आज उस राज्य में किसानों की दुर्दशा हो रही है.

Open in App
ठळक मुद्देमध्यप्रदेश को केंद्र से पर्याप्त यूरिया मिला है और राज्य सरकार के पास यूरिया का पर्याप्त स्टाक मौजूद है.कमलनाथ सरकार तबादला उद्योग, रेत नीति और शराब नीति से ही फुर्सत नहीं मिली और वह यूरिया का प्रबंधन सही तरीके से नहीं कर पाई.

मध्यप्रदेश को केंद्र से पर्याप्त यूरिया मिला है और राज्य सरकार के पास यूरिया का पर्याप्त स्टाक मौजूद है, लेकिन कमलनाथ सरकार तबादला उद्योग, रेत नीति और शराब नीति से ही फुर्सत नहीं मिली और वह यूरिया का प्रबंधन सही तरीके से नहीं कर पाई. अब प्रदेश के किसान एक-एक बोरी खाद के लिए परेशान हो रहे हैं.

यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद राकेश सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कही.उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार भाजपा नेताओं पर झूठे आरोप लगाकर प्रदेश की जनता को बरगलाने की कोशिश कर रही है. 

सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों की स्थिति बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. वह राज्य जिसको भाजपा सरकार के समय कृषि कर्मण पुरस्कार मिलता रहा है, आज उस राज्य में किसानों की दुर्दशा हो रही है. किसानों से दुर्व्यहार किया जा रहा है, झूठ बोला जा रहा है. कांग्रेस ने पहले कहा कि किसानों का 2 लाख रूपए तक का कर्जमाफ करेंगे, जो नहीं किया. भीषण बारिश के बाद मुआवजे का आश्वासन दिया, सर्वे तक नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने 1 हजार करोड़ की राशि भेजी और 9 सौ करोड़ रूपए पहले से आपदा प्रबंधन के मद में कमलनाथ सरकार के पास थे. लेकिन किसानों को 9 सौ रूपए भी नहीं बांटे गए. पता नहीं कमलनाथ सरकार ने उस पैसे का क्या किया.

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने यूरिया को नीम कोटेड करके देश से किल्लत और कालाबाजारी समाप्त कर दी थी. लेकिन प्रदेश सरकार के कुप्रबंधन के कारण किसान यूरिया के लिए लाठियां खा रहा है. 250 रुपए की बोरी 400 से 500 रूपए में मिल रही है. ऊपर से किसानों को डीएपी खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जबकि उन्हें आवश्यकता नहीं है. यूरिया की कालाबाजारी शुरू हो गई है और पूरा वितरण तंत्र कालाबाजारी करने वालों के हाथ में चला गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के पास 27 हजार मैट्रिक टन यूरिया मौजूद था, लेकिन उसके वितरण का कोई प्रबंधन नहीं किया.

छल का शिकार हुआ किसान

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि प्रदेश में जब से कमलनाथ सरकार बनी है, पूरे प्रदेश में जनता के साथ छल हो रहा है. सरकार के छल का सबसे बड़ा शिकार अन्नदाता किसान हो रहा है. ना कर्ज माफ हुआ, ना फसलों का मुआवजा मिला और अब यूरिया के लिए लाठियां खाना पड़ रही हैं. कमलनाथ सरकार की किसान विरोधी नीतियों एवं यूरिया की वर्तमान किल्लत को लेकर भारतीय जनता पार्टी 14 दिसंबर को पूरे प्रदेश में खेत धरना आयोजित करेगी. यह धरना उन सोसायटियों पर भी दिया जाएगा, जहां किसानों के साथ यूरिया के बदले में दुर्व्यवहार हो रहा है और मारपीट की जा रही है. हर मंडल स्तर पर होने वाले धरने में पार्टी के प्रमुख नेता किसानों के साथ शामिल होंगे.

टॅग्स :भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कमलनाथमध्य प्रदेश
Open in App

संबंधित खबरें

भारतपंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की गतिविधियां आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाने में देती हैं महत्वपूर्ण योगदान, मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतकानून की पकड़ से बच नहीं सकेगा कोई भी अपराधी, सीएम मोहन यादव बोले-कानून सबके लिए

भारतदिवंगत निरीक्षक स्व. शर्मा के परिजन को 1 करोड़ रुपये?, अंकित शर्मा को उप निरीक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति

कारोबारहैदराबाद के निवेशकों के साथ जोड़ने आए हैं नई डोर, सीएम मोहन यादव बोले- 36,600 करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 27,800 रोजगार सृजित

क्राइम अलर्टकिशनगंज में देह व्यापार भंडाफोड़, मॉल में 2 लड़की से दोस्ती, नौकरी दिलाने का झांसा देकर बिशनपुर लाई, सिंगरौली की 23 वर्षीय युवती ने दलदल से भागकर बचाई जान

भारत अधिक खबरें

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतKyrgyzstan: किर्गिस्तान में फंसे पीलीभीत के 12 मजदूर, यूपी गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: कहां से आया 'जय भीम' का नारा? जिसने दलित समाज में भरा नया जोश