Sanatan Dharma row: द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद से ही बीजेपी तमिलनाडू के मंत्री समेत विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A पर हमलावर है। जहां बीते 3 सितंबर को बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्टालिन के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी वहीं सोमवार, 4 अगस्त को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्षी गठबंधन को निशाने पर लिया।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से करने और इसे नष्ट करने की बात पर कहा कि घमंडिया गठबंधन की नीति नफरत, शंका, घृणा और विद्वेष फैलाना है।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "घमंडिया गठबंधन के नेताओं में भारत की सभ्यता, मूल आस्था, सनातन धर्म और हिंदू धर्म को गाली देने, कोसने और अपमानित करने की एक प्रतियोगिता शुरू हो गई है। घमंडिया गठबंधन वाले अपनी बैठक में संयोजक और नेता तय नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने 'सनातन धर्म' को नीचा दिखाने की नीति तय कर ली। कभी उदयनिधि, कभी कार्ति चिदंबरम, कभी प्रियंका खड़गे, कभी बिहार के शिक्षा मंत्री, कभी स्वामी प्रसाद मौर्य और कभी केजरीवाल के नेता गौतम जी, ये सब के सब एक योजना के तहत अलग-अलग समय पर इस काम में लग गए हैं।" उन्होंने आगे कहा, "हम पूछना चाहते हैं कि क्या सनातन धर्म को गाली देना, हिंदू धर्म को गाली देना कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन की नीति है? 2014 से पहले इन्होंने भगवा आतंकवाद कहा था क्योंकि इनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक चुकी थी, इसलिए समाज में तनाव और विद्वेष फैलाने के लिए इन्होंने एक नैरेटिव सेट किया था। चेन्नई वाले सच में घबराएं हुए हैं, क्योंकि जब काशी-तमिल समागम आयोजित किया गया, तब अनुभव हुआ कि तमिलनाडु के सर्व-समाज की श्रद्धा काशी विश्वनाथ जी से जुड़ी हुई है।"
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हमारी नीति सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास है। जबकि घमंडिया गठबंधन की नीति नफरत, शंका, घृणा और विद्वेष फैलाना है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भारत की अवधारणा में धर्म एक जीवन प्रवाह है, हिंदुत्व केवल एक उपासना पद्धति नहीं बल्कि एक जीवन शैली और प्रवाह है। लेकिन मोहब्ब्बत की दुकान चलाने वाले लोग नफरत की पुड़िया लेकर घूम रहे हैं। बता दें कि उदयनिधि स्टालिन के बयान से विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A भी असहज है। कांग्रेस समेत कई दल इससे किनारा कर चुके हैं। वहीं ममता बनर्जी ने बयान को गलत बताया है। उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ बिहार और दिल्ली में शिकायत भी दर्ज कराई गई है।