पटनाः बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में शामिल विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष एवं मंत्री मुकेश साहनी को बीजेपी ने झटका दिया है। विकासशील इंसान पार्टी के तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गए।
बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि सुवर्णा सिंह, राजू सिंह और मिश्री लाल यादव भाजपा में शामिल हो गए हैं। कोई नाराजगी नहीं, वे अभी-अभी अपने घर लौटे हैं। तीनों ने बोचहा उपचुनाव में भाजपा को समर्थन किया है। बोचहा से भाजपा ने बेबी कुमारी की उम्मीदवारी घोषणा की है। वीआईपी विधायक मुसाफिर पासवान के निधन से खाली हुआ है।
बॉलीवुड सेट डिजाइनर के पेशे से राजनीति में आए सहनी अपने लिए ‘‘सन ऑफ मल्लाह’’ उपनाम का उपयोग करते हैं। उन्होंने नवंबर 2018 में अपनी पार्टी बनाई और बिहार विधानसभा चुनाव, 2020 भाजपा के संरक्षण में लड़ा था। इसमें उनकी पार्टी को चार सीटें मिलीं लेकिन सहनी हारने के बावजूद भाजपा की सिफारिश पर नीतीश कुमार की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। बाद में वह बिहार विधान परिषद के लिए राजग के उम्मीदवार के तौर पर निर्वाचित हुए।
बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी ने विधान परिषद की 24 सीटों के चुनाव के लिए रविवार को अपनी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के उम्मीदवारों की घोषणा की थी, जिससे सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ उनके टकराव की आहट सुनाई देने लगी थी।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने 12 सीटों के लिए जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यू) 11 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किये हैं। इन दोनों दलों ने केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के लिए एक सीट छोड़ी है। सहनी ने सात सीटों पर ‘वीआईपी’ के उम्मीदवारों को खड़ा करने और 15 अन्य सीटों पर “राजग के प्रत्याशियों को समर्थन देने” की घोषणा की है।
दिलचस्प बात यह है कि वीआईपी जिन सात सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है उन पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। सहनी को 2020 विधानसभा चुनाव के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर राजग में शामिल किया गया था। उस समय वह राजद-नीत महागठबंधन को छोड़कर शाह से मिलने गए थे।
हाल में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सहनी और भाजपा के रिश्ते में खटास आ गई थी। सहनी की पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 50 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसका प्रदर्शन फीका रहा था। इसके साथ ही भाजपा पर किये गए जुबानी हमलों की वजह से यहां कई नेता सहनी से नाराज जान पड़ते हैं।