बिहार: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के राम मंदिर पर दिये बयान से तेज प्रताप यादव ने किया किनारा, बोले- "ऐसे बयानों से बचना चाहिए"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 9, 2024 08:32 AM2024-01-09T08:32:05+5:302024-01-09T08:36:11+5:30
नीतीश सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा भगवान राम के संबंध में की गई विवादित टिप्पणी पर कहा कि लोगों से भगवान राम से संबंधित बयान देते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
पटना: राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के नीतीश सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा भगवान राम के संबंध में विवादास्पद टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं की मानवता को ही सबसे बड़ा धर्म माना जाना चाहिए लेकिन लोगों से भगवान राम से संबंधित बयान देते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
बिहार के पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव ने बीते सोमवार को कहा, "भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सबसे बड़ा धर्म मानवता होना चाहिए और इसका पालन किया जाना चाहिए लेकिन धर्म पर कुछ भी कहने से पहले ऐसे विवादित बयानों से बचना चाहिए।"
दरअसल यह विवाद उस समय पैदा हुआ, जब बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अयोध्या में आयोजित हो रहे भगवान राम के भव्य मंदिर उद्घाटन पर कहा कि अगर लोग बीमार पड़ेंगे या घायल होंगे, क्या वो मंदिर जाएंगे या फिर चिकित्सा सहायता लेने के लिए अस्पताल जाएंगे।
मंत्री चंद्रशेखर ने कहा, "अगर आप घायल हो जाएंगे तो कहां जाएंगे? मंदिर या अस्पताल? अगर आप शिक्षा चाहते हैं और अधिकारी, विधायक या सांसद बनना चाहते हैं तो क्या आप मंदिर जाएंगे या स्कूल जाएंगे? राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह ने वही बात कही जो सावित्रीबाई फुले ने कही थी। उसमें गलत क्या है? उन्होंने सावित्रीबाई फुले को उद्धृत किया। क्या शिक्षा आवश्यक नहीं है?"
उन्होंने कहा था, "हमें छद्म हिंदुत्व और छद्म राष्ट्रवाद से सावधान रहना चाहिए। जब भगवान राम हममें से प्रत्येक में और हर जगह रहते हैं तो आप उन्हें खोजने के लिए कहां जाएंगे? जो भी स्थान आवंटित किए गए हैं, उन्हें शोषण के अड्डे बना दिया गया है। जिसका उपयोग समाज में कुछ षडयंत्रकारियों द्वारा अपनी जेबें भरने के लिए किया जा रहा है।"
ऐसा नहीं है कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पहली बार ऐसे विवादों में घिरे हैं। इससे पहले पिछले साल सितंबर में उन्होंने पवित्र रामचरितमानस की तुलना "पोटेशियम साइनाइड" से की थी।
बीते साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए राजद नेता चंद्रशेखर ने कहा, "यदि आप 56 प्रकार के व्यंजन परोसते हैं और उनमें पोटेशियम साइनाइड मिलाते हैं, तो क्या आप उन्हें खाएंगे? यही बात हिंदू धर्म के धर्मग्रंथों पर भी लागू होती है।"