बिहार: कोरोनाकाल में फैला अंधविश्वास, नौ लौंग-नौ लड्डु-नौ उडहल के फूल से महिलाएं भगा रही हैं कोरोना वायरस
By एस पी सिन्हा | Published: June 1, 2020 03:48 PM2020-06-01T15:48:17+5:302020-06-01T15:54:09+5:30
बिहार में महिलाएं अब कोरोना वायरस से बचने के लिए कोरोना देवी की पूजा कर रहीं हैं.
पटना: कोरोना महामारी ने जहां एक ओर पूरे बिहार में अपना पैर पसार लिया है और लगातार इस वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ बिहार में कोरोना को लेकर एक अंधविश्वास तेजी से फैल रहा है.
महिलाएं अब कोरोना से बचने के लिए कोरोना देवी की पूजा कर रहीं हैं. इस दौरान न तो सोशल डिस्टेंस का ख्याल रख रहीं हैं न ही मास्क का उपयोग कर रही हैं.
दरसल, कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर तेजी से एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक महिला बता रही है कि कोरोना कोई वायरस नहीं बल्कि देवी का एक रुप है.
इतना ही नहीं महिला कहती है कि यदि हम कोरोना देवी की पूजा करेंगे तो देवी खुश होकर लौट जाएंगी और इनका प्रकोप कम हो जाएगा. महिला कोरोना देवी की कहानी भी सुनाती है और पूजा करने की पूरी प्रक्रिया भी बताती है.
लोग अब कोरोना को बीमारी के बजाय दैवीय प्रकोप मानने लगे हैं. जिसके बाद से छपरा, गोपालगंज से महिलाओं की कोरोना देवी की पूजा करते तस्वीरें सामने आ रही है. महिलाएं नौ लौंग, नौ लड्डु, नौ उडहल के फूल से कोरोना माई की पूजा कर रही हैं.
छपरा के गोदना गढदेवी मां के मंदिर परिसर और गोपालगंज के हथुआ इलाके के कुछ गांवों में आज महिलाओं को पूजा करते देखा गया. महिलाओं ने पहले एक फीट गड्डा खोदा और उसमें नौ जगह सिंदूर लगाया और फिर नौ लड्डु, नौ लौंग, नौ उडहुल के फूल को उसमें डाल दिया. फिर गड्ढे को मिट्टी से भर दिया.
वहीं गोपालगंज के हथुआ इलाके के कुछ गांवों में आज सुबह से कोरोना देवी की पूजा शुरू हो गई है. हथुआ प्रखंड के मछागर लछीराम गांव के पश्चिम टिकुली पोखरा के समीप काफी संख्या में महिलाएं कोरोना देवी की पूजा अर्चना करने पहुंच गईं. महिलाओं ने बताया की एक वीडियो मैसेज से उन्हें यह जानकारी मिली है कि करुणा देवी की नाराजगी से कोरोना का प्रकोप फैला है.
इसीलिए वे करुणा देवी के रुप कोरोना माई की पूजा कर रही हैं. महिलाओं ने बताया कि कोरोना माई की पूजा कर रही हैं ताकि कोरोना माई का गुस्सा कम हो जाए और वो हमसबपर कृपा करके चली जाएं.
गोपालगंज और छपरा ही नहीं, सीवान जिले में भी काफी संख्या में महिलाएं नदी-तालाबों के किनारे कोरोना माई की पूजा अर्चना कर रही हैं. यहां भी महिलाओं का कहना है कि मोबाइल पर मैसेज आया कि कोरोना माई की इस विधि से पूजा करनी है. पूजा करने से कोरोना माई का गुस्सा कम हो जाएगा और वो अपने घर चली जाएंगी.
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. उस वीडियो में एक महिला द्वारा कहा जा रहा है कि खेत में दो महिलाएं घास काट रही थीं. वहीं, बगल में एक गाय घास चर रही थी. इसी दौरान गाय महिला बन गई. ऐसे में उसे देखकर घास काट रही महिलाएं डर से भागने लगीं.
तब गाय से महिला बनी औरत ने दोनों महिलाओं को रोका और बोली कि आप लोग डरो मत. हम कोरोना माता हैं. मेरा देश में प्रचार- प्रसार करो और सोमवार व शुक्रवार को पूजन सामग्री चढ़ाकर मेरा आशीर्वाद लो. हम खुद चले जाएंगे.
वहीं वीडियो में महिला यह भी कहती है कि यदि कोई इसे मजाक में लेता है और हमपर हंसता है तो उसे इसका बुरा अंजाम भुगतना होगा. अब उस वीडियो को देखकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने सुबह से ही अपने-अपने गांव के मंदिरों में पूरे श्रद्धा-भक्ति के साथ पूजा-अर्चना शुरू कर दी है.
वीडियो में महिला द्वारा कहा गया कि घटना बरौनी की है. यह वीडियो वायरल होते ही महिलाओं में श्रद्धा के साथ अंधविश्वास की लहर दौड गई है. अब महिलाएं जगह- जगह कोरोना माता की पूजा करती दिख रही हैं.
हालांकि, सिविल सर्जन मधवेश्वर झा का कहना है कि मेडिकल साइंस ऐसी बातों को नहीं मानता है. लोगों से अपील है कि किसी तरह के अंधविश्वास में न आए क्योंकि कोरोना पूजा से नहीं उपचार से खत्म होगा.