मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले को SC ने बताया डरावना और भयानक, मुख्य आरोपी को माना प्रभावशाली व्यक्ति
By रामदीप मिश्रा | Published: October 25, 2018 01:44 PM2018-10-25T13:44:00+5:302018-10-25T14:40:51+5:30
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपी बिहार की जेल में रखने के लिए उचित नहीं माना है और कहा है कि वह बहुत प्रभावशाली व्यक्ति है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (23 अक्टूबर) को बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह दुष्कर्म कांड को भयवीत और डरावना बताया है। वहीं, शीर्ष अदालत ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को नोटिस जारी करते कहा कि क्यों न उन्हें बिहार के बाहर जेल में स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपी बिहार की जेल में रखने के लिए उचित नहीं माना है और कहा है कि वह बहुत प्रभावशाली व्यक्ति है। बता दें, इससे पहले सीबीआई ने अपनी एक रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि ठाकुर एक प्रभावशाली व्यक्ति है और जेल में उसके पास से एक मोबाइल फोन बरामद किया गया।
वहीं, शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार और सीबीआई से पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा का पता लगाने में हुई देरी को लेकर भी जवाब मांगा है। साथ ही साथ यह भी कहा गया है कि सीबीआई जांच टीम को बदला नहीं जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट पहले आदेश दे चुका था कि इस कांड के मुख्य आरोपी और 'सेवा संकल्प' एनजीओ के संचालक ब्रजेश ठाकुर के बही-खातों की जांच की जाये। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में पटना हाई कोर्ट द्वारा मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस की रिपोर्टिंग पर लगाई गई रोक को हटा दिया था। रंगकर्मी और पत्रकार निवेदिता शकील की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश के रद्द करते हुए मीडिया से मामले की ज्यादा जिम्मेदार तरीके से उठाने और रिपोर्ट करने का निर्देश दिए थे।
बता दें कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीस) मुंबई की टीम जब जनवरी माह में सोशल ऑडिट करने पहुंची तो बालिका गृह में कई स्तर पर गडबडी मिली। मुजफ्फरपुर से मधुबनी, मोकामा और पटना भेजी गईं बच्चियों का मेडिकल टेस्ट कराया गया तो हकीकत सामने आई। 44 में से 42 बच्चियों का मेडिकल कराया गया, जिनमें 29 से यौन शोषण की पुष्टि हुई थी। बालिका गृह के संचालन की जिम्मेदारी सेवा संकल्प समिति को 2013 में सौंपी गई थी।