बिहार में होगा कोई बड़ा उलटफेर! तेजप्रताप यादव से मिले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, कयासों का दौर शुरू
By एस पी सिन्हा | Published: October 7, 2021 03:36 PM2021-10-07T15:36:24+5:302021-10-07T15:36:37+5:30
तेजप्रताप यादव पार्टी के कई शीर्ष नेताओं से नाराज चल रहे हैं। इसके संकेत उन्होंने पहले भी दिए थे। इस बीच उनके कांग्रेस का दामन थामने की संभावना ने राज्य की सियासत में सरगर्मी बढ़ा दी है।
पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. चर्चा है कि लालू के बड़े लाल तेजप्रताप यादव कांग्रेस का हिस्सा हो सकते हैं. सूत्रों के अनुसार तेजप्रताप बिहार कांग्रेस के नेताओं के संपर्क में हैं और जल्द ही कांग्रेस में जाने को लेकर कोई घोषणा हो सकती है.
हालांकि तेजप्रताप या उनके साथ रहनेवाले लोगों ने इस कयासों को बिल्कुल गलत बताया है. उनका कहना है शिवानंद तिवारी ने माफी मांग ली है, ऐसे में तेजप्रताप कांग्रेस में क्यों जाएंगे?
बता दें कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से तनातनी का मामला अभी पूरी तरह ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब वे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी के निशाने पर आ गए हैं.
शिवानंद तिवारी ने तेजप्रताप के पार्टी में रहने को लेकर यह कहकर सनसनी फैला दी है कि वह (तेजप्रताप) राजद में नहीं हैं. शिवानंद तिवारी के बयान के बाद गुरुवार सुबह कांग्रेस के वरीय नेता अशोक राम ने तेजप्रताप से मुलाकात की है.
कांग्रेस को तेजप्रताप का समर्थन!
इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं. अशोक राम के बेटे अतिरेक को कांग्रेस ने कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. राजद इस सीट पर पहले ही गणेश भारती को प्रत्याशी बना चुकी है. ऐसे में तेजप्रताप का कांग्रेस नेताओं से मिलना एक बडा सियासी घटनाक्रम माना जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा की दो सीटों के लिए होने जा रहे उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और राजद के बीच जारी रस्साकशी के बीच इस नये सियासी घटनाक्रम ने राजनीति को गरमा दिया है. इसे तेजस्वी के खिलाफ मुहिम के तौर पर देखा जा रहा है.
वहीं, जदयू ने इस मुद्दे को लपक लिया है और शिवानंद के बयान के बहाने तेजस्वी पर सियासी वार किया है. जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने ट्वीट कर तेजप्रताप यादव से सवाल पूछा है, 'क्या बाबा सही हैं?' इसके साथ ही ट्वीट में उन्होंने लिखा कि आप शांत क्यों हैं? तेजस्वी ने भी चुप्पी साध रखी है.
वहीं, इंटरनेट मीडिया पर सक्रिये रहने वाले तेजप्रताप ने शिवानंद तिवारी के इस बयान पर चुप्पी साध ली है. गुरुवार को तेजप्रताप यादव ने अपने ट्विटर हैंडल से नवरात्र की बधाई दी, लेकिन इस मसले पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं किया.
तेजस्वी और जगदानंद के खिलाफ बगावती सुर
जिस तरह से तेजप्रताप ने अपने छोटे भाई तेजस्वी और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के खिलाफ बगावती सुर अपनाए थे, उसके बाद से ही तेजप्रताप पार्टी से दूरी बनाए हुए हैं. पार्टी के किसी कार्यक्रम में वह शामिल नहीं हुए हैं. यहां तक कि दो दिन पहले ही पार्टी के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी न तो तेज प्रताप को बुलाया गया और न ही लालू प्रसाद यादव ने अपने संबोधन में उनका कोई जिक्र किया.
इसके बाद से ही तेजप्रताप की नाराजगी और बढ गई. रही-सही कसर शिवानंद तिवारी ने यह कहकर पूरी कर दी कि तेज प्रताप को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. इसके बाद से ही तेजप्रताप को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं. वहीं, राजद को दूसरा झटका पार्टी के वरिष्ठ नेता जय प्रकाश नारायण यादव ने दिया है.
बताया जा रहा है कि तारापुर विधानसभा उप-चुनाव से बेटी दिव्या प्रकाश को टिकट नहीं मिलने को लेकर वह पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं. ऐसे में वह राजद छोड सकते हैं और कांग्रेस के साथ जा सकते हैं.