पटनाः राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बडे़ लाल तेजप्रताप यादव क्या 2025 के विधानसभा चुनाव में राजद से ’जन शक्ति परिषद’ के अपने उम्मीदवार उतारने की मांग करेंगे? पार्टी में अलग-थलग पड़ जाने और उनके द्वारा गठित जन शक्ति परिषद के अधिक से अधिक सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किये जाने के बाद अब अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.
परिषद ने इसके लिए सोशल मीडिया पर सदस्यता फॉर्म भी डाला है. इसे 'मिशन एक करोड मेंबर' का नाम दिया है. यहां उल्लेखनीय है कि राजद का भी लक्ष्य एक करोड़ सदस्य बनाने का है. जबकि अभी वर्तमान में जनशक्ति परिषद के सदस्यों की संख्या 30 हजार तो राजद के सदस्यों की संख्या 86 लाख के करीब है.
ऐसे में परिषद ने मेंबरशिप फॉर्म सोशल मीडिया पर अपलोड करते हुए लिखा है कि 'जन शक्ति परिषद का सदस्य बनने के लिए इस फॉर्म को भरें, बिहार के सभी 8406 पंचायत में 'जन शक्ति परिषद' का अपना कार्यालय होगा और आपके ब्लॉक को भ्रष्टाचार मुक्त, सरकारी स्कूल अस्पताल और थाना को दुरुस्त किया जाएगा.' राजद और जनशक्ति परिषद दोनों अलग-अलग गतिविधियां चला रही हैं.
ऐसे में राजनीतिक पंडितों का मानना है कि ऐसा करने का मकसद है साल 2024 में राजद पर दबाव बनाकर कई सीटों पर दावा ठोका जा सके. साल 2025 में ही बिहार में विधानसभा चुनाव होना है. तेजप्रताप गरीबों-वंचितों के मुद्दे पर उसी तरह चल रहे हैं, जैसे अभी तक लालू प्रसाद यादव चलते रहे हैं.
तेजप्रताप की रणनीति यह है कि साल 2024 तक पंचायत और बूथ स्तर पर जनशक्ति परिषद को मजबूत कर देना है. बता दें कि तेजप्रताप यादव ने जब 'छात्र जनशक्ति परिषद' का गठन किया था, वह समय ऐसा था जब उनके चहेते आकाश यादव को छात्र राजद के अध्यक्ष पद से हटाकर गगन यादव को अध्यक्ष बना दिया गया था.
यह तभी साफ हो गया था कि इस संगठन को राजनीतिक मंच दिया जाएगा. राजनीतिक मंच दिए जाने के विरोध में ही बबलू सम्राट ने 'छात्र जनशक्ति परिषद' छोड दी थी. इसके बाद तारापुर में निर्दलीय उम्मीदवार देकर तेजप्रताप यादव ने साफ कर दिया था कि वे राजनीतिक मंच बनाने की ओर हैं. अब तो इसमें से 'छात्र' शब्द भी हटा दिया गया है. जिला इकाई में जिला प्रभारी, जिला अध्यक्ष, प्रखंड अध्यक्ष और पंचायत अध्यक्ष बनाए गए हैं.