बिहारः राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खास भोला यादव को सीबीआई ने किया गिरफ्तार, परिवार में खलबली, आखिर क्या है माजरा
By एस पी सिन्हा | Published: July 27, 2022 04:14 PM2022-07-27T16:14:40+5:302022-07-27T16:16:21+5:30
सीबीआई ने जांच के बाद पिछले दिनों लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा यादव, हेमा यादव, नौकरशाह और कुछ निजी व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया था.
पटनाः राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के हनुमान के नाम से चर्चित राजद के पूर्व विधायक भोला यादव को सीबीआई के द्वारा गिरफ्तार कर लिये जाने पर लालू परिवार में हड़कंप मच गया है. आयकर विभाग ने भोला यादव के दरभंगा जिले में पैतृक घर कपछाही और बहादुरपुर स्थित आवास के साथ-साथ पटना में भी छापेमारी की है.
साल 2004 से 2009 के बीच जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब भोला यादव उनके ओएसडी रहे थे. उस समय रेलवे में जमीन के बदले नौकरी लगवाने के आरोप है. भोला यादव को इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. लालू यादव के हनुमान कहे जाने वाले भोला यादव राजद के पूर्व विधायक और विधान पार्षद रहे हैं.
कहा जाता है कि लालू प्रसाद का अधिकतर राज भोला यादव को पता है. वो लालू के साथ साये की तरह रहा करते हैं. लालू सबसे ज्यादा विश्वास भी भोला यादव पर ही करते हैं. जमीन के बदले नौकदी देने के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने 4 दिन पहले भोला यादव को आईआरसीटीसी घोटाला मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन भोला यादव हाजिर नहीं हुए.
इसके बाद आज उन्हें दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया. भोला यादव 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में वह बहादुरपुर सीट विधायक चुने गए थे. हालांकि हालिया 2020 चुनाव में वे हायाघाट सीट से चुनाव हार गए. उनको लालू के साथ-साथ तेजस्वी का भी काफी नजदीकी माना जाता है. लालू की बीमारी से लेकर जेल और कोर्ट-कचहरी हर जगह वह साया की तरह उनके साथ रहते हैं.
अभी हाल में पारस अस्पताल से लेकर दिल्ली एम्स तक उनके साथ थे. ऐसे में भोला यादव को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार करने से सबसे ज्यादा लालू यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. भोला यादव को लालू प्रसाद यादव का बड़ा राजदार माना जाता है. लालू के हर बुरे वक्त में काम आने वाले भोला यादव की पहुंच लालू यादव के रसोईं घर तक मानी जाती है.
पिछले लगभग 20 सालों से वह लालू के निजी सहायक रहे हैं. भोला यादव लालू प्रसाद यादव की हर पसंद और नापसंद को समझते हैं. लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान वह ओएसडी के पद पर भी रहे थे. उसी समय रेलवे में भर्ती घोटाला हुआ था. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे.
इसी मामले में सीबीआई ने जांच के बाद पिछले दिनों लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा यादव, हेमा यादव, नौकरशाह और कुछ निजी व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया था. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में ग्रुप डी पद पर लोगों को नौकरियां दिलाई गईं, इसके बदले में जमीन लालू परिवार के लोगों के नाम पर करवा दी गईं. जांच में सामने आया कि रेलवे की ओर से उन पदों पर भर्ती के लिए किसी तरह का नोटिफिकेशन नहीं निकाला गया था.