बिहार राजद प्रमुख जगदानंद सिंह को झटका, पुत्र अजीत सिंह JDU में शामिल, तेजस्वी यादव पर हमला, आरजेडी में पैसे पर टिकट बिकता है...
By एस पी सिन्हा | Published: April 12, 2022 05:41 PM2022-04-12T17:41:46+5:302022-04-12T17:44:59+5:30
अजित सिंह ने कहा कि राजद में समर्पित कार्यकर्ता और नेता को जलील किया जाता है. चुनाव से पहले पैसे पर टिकट की खरीद बिक्री होती है.
पटनाः बिहार में सत्ताधारी दल जदयू विरोधियों के घर में सेंध लगाने में जुटी हुई है. इसी कड़ी में राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह जदयू में शामिल हो गए हैं. जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने उन्हें जदयू की सदस्याती दिलाई. इस दौरान अजीत सिंह ने राजद पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राजद में पैसे पर टिकट बिकता है.
उन्होंने तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा कि राजद आज समर्पित कार्यकर्ताओं का कब्रगाह बन गया है. यहां समर्पित कार्यकर्ताओं का कोई सम्मान नहीं होता है. अजित सिंह ने कहा कि राजद में समर्पित कार्यकर्ता और नेता को जलील किया जाता है. चुनाव से पहले पैसे पर टिकट की खरीद बिक्री होती है.
इस दौरान उन्होंने राजद पर जगदानंद सिंह और राजद के दिवंगत नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की उपेक्षा का भी आरोप लगाया. उन्होंने नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा है कि बचपन से ही वे नीतीश के कामकाज को देख रहे हैं और उनसे काफी प्रभावित हैं. राजद के प्रदेश अध्यक्ष का बेटा होने के बावजूद लालू प्रसाद से कहीं ज्यादा नीतीश कुमार ने मुझे प्रभावित किया है.
मुझे आशा है कि जदयू में नीतीश कुमार के नेतृत्व में मुझे सीखने का मौका मिलेगा. इसलिए बिना शर्त जदयू में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके पिता उनकी विचारधारा से परिचित हैं और पिता से उनके रिश्ते खराब नहीं होंगे. अजित सिंह ने कहा है कि मेरे जदयू में जाने से मेरे परिवार में कोई टूट नहीं होगी.
मेरे पिता ने राजनीतिक फैसले लेने के लिए हमें छूट दी है. मेरे बडे़ भाई सुधाकर सिंह पहले भाजपा में थे, अब राजद में विधायक हैं. इस दौरान ललन सिंह ने इशारों-इशारों में जगदानंद सिंह को भी जदयू में आने का ऑफर दे दिया. उन्होंने कहा कि जदगानंद सिंह को जदयू में अपमानित होना पड़ रहा है, लेकिन न जाने क्यों वह वहां रुके हुए हैं.
उन्होंने कहा कि जदयू में पार्टी के लिए समर्पित भाव के काम करने वाले लोगों की कमी है. इस दौरान उन्होंने बिहार के पूर्व मख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की राजनीतिक पाठशाला का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने हमलोगों को सिखाया है कि सम्मान, आत्मसम्मान और सभिमान से कभी समझौता नहीं करना चाहिए.