बिहार: लोकसभा चुनाव में करारी हार को लेकर कांग्रेस की बैठक में उठे गठबंधन और प्रत्याशियों के चयन पर सवाल

By एस पी सिन्हा | Published: June 9, 2019 08:11 PM2019-06-09T20:11:10+5:302019-06-09T20:11:10+5:30

इस बार यह संख्या महज नौ थी और कांग्रेस सिर्फ किशनगंज सीट जीत पाई. हालांकि, वोट प्रतिशत में जरूर थोडा इजाफा हुआ. इस बार कांग्रेस को 7.70 प्रतिशत वोट मिले जो कि पिछले चुनाव से करीब दो प्रतिशत अधिक हैं.

Bihar: Question about selection of coalition partners and candidates in the meeting of the Congress regarding the defeat of the Lok Sabha elections. | बिहार: लोकसभा चुनाव में करारी हार को लेकर कांग्रेस की बैठक में उठे गठबंधन और प्रत्याशियों के चयन पर सवाल

बिहार: लोकसभा चुनाव में करारी हार को लेकर कांग्रेस की बैठक में उठे गठबंधन और प्रत्याशियों के चयन पर सवाल

लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में मिली करारी हार के कारणों को ढूंढने के लिए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी की हुई बैठक के दौरान कई जिलाध्यक्षों ने चुनाव में प्रत्याशियों के चयन पर भी सवाल उठाया. जिलाध्यक्षों का साफ तौर पर कहना था कि सही तौर से गठबंधन नहीं हुआ था और न ही सही उम्मीदवार दिए गए थे. बिहार में कांग्रेस को जो भी नौ सीटें दी गई वह भी सम्मानजनक नहीं था. वहीं, सारण सीट पर महागठबंधन की हार को तेजप्रताप और उनके ससुर का विवाद बताया गया.

बताया जाता है कि पटना में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में लोकसभा चुनाव में हुई हार को लेकर मंथन के लिए बुलाई गई जिलाध्यक्षों की बैठक में हार पर जमकर हंगामा हो गया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कांग्रेस नेताओं ने सीटो के तालमेल और उम्मीदवारों के चयन पर सवाल उठाए. कांग्रेस लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार की समीक्षा में जुटी है.

पटना से लेकर दिल्ली तक मंथन का सिलसिला जारी है. बताया जाता है कि दिल्ली से बिहार की सभी 40 सीटों का बूथवार डाटा मांगा गया था. देखा जाएगा कि कहां-कहां कमजोरी रही. गठबंधन वाली सीटों पर क्या स्थिति रही और पिछले लोकसभा चुनाव में इन बूथों पर पार्टी किस हाल में थी? प्रदेश कार्यालय ने शनिवार को यह पूरा ब्योरा दिल्ली भेज दिया. 

उधर, प्रदेश अध्यक्ष ने भी आज सभी जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई थी. राज्य में कांग्रेस की गाडी नब्बे के दशक से पटरी से उतरी जो अब तक ट्रैक पर नहीं लौटी है. बीते कई चुनावों से पार्टी का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जहां 37 सीटों पर लडी और दो जीती, तो 2014 में राजद के साथ गठबंधन में उसने 12 सीटों पर चुनाव लडा. जीत तब भी दो सीटों पर ही हुई थी.

इस बार यह संख्या महज नौ थी और कांग्रेस सिर्फ किशनगंज सीट जीत पाई. हालांकि, वोट प्रतिशत में जरूर थोडा इजाफा हुआ. इस बार कांग्रेस को 7.70 प्रतिशत वोट मिले जो कि पिछले चुनाव से करीब दो प्रतिशत अधिक हैं. वहीं, बैठक में कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने दरभंगा सीट का मुद्दा उठाया. अखिलेश ने कहा कि मिथिलांचल की सीट हमारी जीती हुई सीट थी, लेकिन ये सीट हमें नहीं दी गई. यदि इस सीट से कीर्ति आजाद को टिकट दिया जाता तो उनको जरूर जीत मिलती और ये सीट हमारे खाते में जाती.

Web Title: Bihar: Question about selection of coalition partners and candidates in the meeting of the Congress regarding the defeat of the Lok Sabha elections.

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