Bihar: प्रशांत किशोर ने अदालत की शर्तों को मानने से किया इनकार भेजे गए 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

By एस पी सिन्हा | Updated: January 6, 2025 18:50 IST2025-01-06T18:43:50+5:302025-01-06T18:50:00+5:30

कोर्ट ने 25 हजार के बेल बॉन्ड पर प्रशांत किशोर को जमानत दिया था और शर्त रखी थी कि प्रशांत किशोर अब दोबारा से प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे। लेकिन प्रशांत किशोर ने कोर्ट की इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया और बॉन्ड भरने से मना कर दिया।

Bihar: Prashant Kishor refused to accept the conditions of the court and was sent to 14 days judicial custody | Bihar: प्रशांत किशोर ने अदालत की शर्तों को मानने से किया इनकार भेजे गए 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

Bihar: प्रशांत किशोर ने अदालत की शर्तों को मानने से किया इनकार भेजे गए 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

Highlightsकोर्ट ने 25 हजार के बेल बॉन्ड पर प्रशांत किशोर को जमानत दिया थासाथ ही शर्त रखी थी कि प्रशांत किशोर अब दोबारा से प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना प्रदर्शन नहीं करेंगेलेकिन प्रशांत किशोर ने कोर्ट की इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया

पटना: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की जमानत पर अब नया मोड़ आ गया है। पटना सिविल कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी प्रशांत किशोर ने अदालत की शर्तों को मानने से इनकार कर दिया। जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया गया। कोर्ट ने 25 हजार के बेल बॉन्ड पर प्रशांत किशोर को जमानत दिया था और शर्त रखी थी कि प्रशांत किशोर अब दोबारा से प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे। लेकिन प्रशांत किशोर ने कोर्ट की इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया और बॉन्ड भरने से मना कर दिया।

प्रशांत किशोर को चार बजे तक का समय दिया गया था, लेकिन जब उन्होंने बेल बॉन्ड नहीं भरा तो आखिरकार उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया गया। जेल जाने से पहले प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर छात्रों की आवाज उठाना गुनाह है तो मुझे जेल जाना मंजूर है। 

बता दें कि कोर्ट ने प्रशांत किशोर को जमानत देते समय साफ तौर पर कहा था कि वो आगे से ऐसा कोई भी काम नहीं करेंगे, जिसकी वजह से आम लोगों को दोबारा परेशानियों का सामना करना पड़े। वहीं सशर्त जमानत मिलने पर प्रशांत किशोर ने कहा मुझे सशर्त जमानत नहीं चाहिए। इस मामले में प्रशांत किशोर के वकील शिवानंद गिरी ने कहा कि पुलिस प्रशांत किशोर को गिरफ्तार कर सिविल कोर्ट लाई थी। तब तक उन्होंने बेल पिटीशन तैयार कर लिया था। 

कोर्ट में पेशी के बाद इस मामले में सुनवाई हुई। बहस के बाद कोर्ट ने पीके को 25 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी। कोर्ट ने पीके के सामने शर्त रखा कि वो एक पीआर बॉन्ड भर कर देंगे। जिसमें लिखा था कि भविष्य़ में पीके ये ऑफेन्स दोबारा नहीं करेंगे। उन्होंने(पीके) इस बात पर अपत्ति जताई। बॉन्ड को भरने मतलब ये मानना है कि उन्होंने ऑफेन्स किया है। 

ऐसे में पीके भविष्य में किसी भी तरह का आंदोलन नहीं कर पाएंगे। शिवानंद गिरी ने कहा कि पीके ने कोर्ट में जज से कहा कि उन्हें जमानत बिना किसी शर्त के दी जाए। लेकिन कोर्ट ने मना किया और कहा कि एक बार जो फैसला सुना दिया गया वहीं फैसला मान्य होगा।

Web Title: Bihar: Prashant Kishor refused to accept the conditions of the court and was sent to 14 days judicial custody

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