पटनाः चुनाव आयोग के द्वारा बिहार में कराए गए एसआईआर के प्रारूप मतदाता सूची जारी किए जाने के करीब एक माह बाद राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद ने पहली बार इस प्रक्रिया पर आपत्ति दर्ज कराई है। सूत्रों के मुताबिक राजद ने कुल 3 आपत्तियां और दावे पेश किए हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि मतदाता सूची में कई गड़बड़ियां हैं। कुछ जगह नाम गायब हैं तो कहीं ऐसे लोगों के नाम जुड़े हैं जो लंबे समय से राज्य में नहीं रहते। दरअसल, पार्टी चाहती है कि मतदाता सूची पारदर्शी हो ताकि कोई भी मतदाता अपने अधिकार से वंचित न रहे।
बता दें कि भाजपा या जदयू की तरफ से कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई है। ये आंकड़े 28 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक के हैं। बता दें कि आपत्ति दर्ज कराने के लिए 4 और दिन बचे हैं अर्थात एक सितंबर तक आपत्ति दर्ज कराई जाती है। उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग ने सोमवार को बताया था कि बिहार में कुल 7.24 करोड़ मतदाताओं में से 99.11 फीसदी लोगों ने अपने दस्तावेज जमा कर दिए हैं।
एसआईआर के तहत प्रारूप मतदाता सूची 1 अगस्त को प्रकाशित की गई थी। आयोग का कहना है कि दावे और आपत्तियों की अवधि मतदाताओं को दो मौके देती है। दावे और आपत्तियों की अवधि मतदाताओं को न केवल मसौदा सूची में गलतियों को सुधारने का अवसर देती है, बल्कि अपने उन आवश्यक दस्तावेजों को भी प्रस्तुत करने का मौका देती है, जो उन्होंने फॉर्म जमा करते समय उपलब्ध नहीं कराए होंगे।
राज्य में 24 जून से 24 अगस्त तक 60 दिनों में 98.2 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने दस्तावेज जमा किया था। बता दें कि इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव इन दिनों बिहार में मतदाता अधिकार यात्रा कर हैं और उनके द्वारा चुनाव आयोग एवं भाजपा पर वोट चोरी का आरोप लगाया जा रहा है। इसको लेकर सियासत गर्मायी हुई है।