एकता की रोशनी, नफरत की हार, शांति और सद्भाव का बिहार, अमन-चैन की चले बयार, जब नीतीश की है सरकार?, पोस्टर वार से राजद-जदयू में वार
By एस पी सिन्हा | Updated: April 2, 2025 17:26 IST2025-04-02T17:25:18+5:302025-04-02T17:26:27+5:30
पोस्टर में मोटे अक्षरों में लिखा गया है कि एकता की रोशनी, नफरत की हार, शांति और सद्भाव का बिहार, "अमन-चैन की चले बयार, जब नीतीश की है सरकार।"

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पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक देख राजधानी पटना में पोस्टरवार पीक पकडता जा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को पोस्टर के जरिए राजद के शासनकाल में धार्मिक उन्माद से तनाव फैलाने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा गया। पटना की सड़कों के किनारे लगे इस पोस्टर में एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर है, जबकि दूसरी तरफ लालू यादव की तस्वीर है। पोस्टर में मोटे अक्षरों में लिखा गया है कि एकता की रोशनी, नफरत की हार, शांति और सद्भाव का बिहार, "अमन-चैन की चले बयार, जब नीतीश की है सरकार।"
यह पोस्टर किसने लगाए हैं, इसका जिक्र पोस्टर में नहीं किया गया है। इस पोस्टर में राजद के शासनकाल की कई घटनाओं का जिक्र किया गया है। इसमें लिखा गया है कि सासाराम में धार्मिक उन्माद फैलाया गया, परिणामस्वरूप दंगा भड़का. अक्टूबर 1992 में सीतामढ़ी दंगा में धार्मिक उन्माद फैलाया गया, परिणामस्वरूप दंगा भड़का, जिसमें कुल 44 लोगों की मौतें हुई।
इसके अलावा पोस्टर में 10 जुलाई 1995 को पलामू और डाल्टनगंज दंगा, धार्मिक उन्माद फैलाया गया, परिणामस्वरूप दंगा भड़का, जिसमें 4 लोगों की मौतें हुईं। इसके बाद 1996 के भागलपुर, अररिया, समस्तीपुर एवं दरभंगा में धार्मिक उन्माद फैलाया गया, जिसके कारण दंगा भड़का था। इसके अलावा भी कई घटनाओं का जिक्र किया गया है।
वहीं, इसको लेकर जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि किसने पोस्टर लगाया, ये मायने नहीं रखता। मायने ये रखता है कि बिहार की जनता सच जानना चाहती है। दंगा, दहशत और डर का राज, यही था लालू यादव का अंदाज। 12 धार्मिक दंगे और सैकड़ों बेगुनाह मारे गए। इन 12 दंगों में गुनहगारों पर क्या कार्रवाई हुई? तेजस्वी यादव जवाब दीजिए। उनका गुनहगार कौन है?